________________
भूमिस्पर्श मुद्रा (छवि चित्र 3,4,5 )
सामान्य स्थिति में बैठकर एक हाथ से भूमि का स्पर्श करना भूमिस्पर्श मुद्रा है। 37
शिल्पकला एवं मूर्तिकला में प्राप्त हस्त मुद्राएँ.....317
यह बुद्ध द्वारा ज्ञान प्राप्ति के पूर्व पृथ्वी देवी को साक्षी मानकर की गई. प्रतिज्ञा की सांकेतिक मुद्रा है। गन्धार की कुछ प्रतिमाओं में इसका दर्शन होता है | 38
मध्यकाल में
गया।39
बुद्ध
की इस प्रतिमा को वज्रासन प्रतिमा के रूप में माना
छवि चित्र-3 : भूमिस्पर्श मुद्रा, सारनाथ शिल्प, ई. छठी शती ।
छवि चित्र-4 : वज्रासन बुद्ध, दाहिना हाथ भूमिस्पर्श मुद्रा में प्रदर्शित बिहार से प्राप्त पाल शिल्प, ई. दसवीं शती ।