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268... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन 76. सिंह मुद्रा
इस मुद्रा के द्वारा पशुओं में सिंह का अवबोध करवाया जाता है। यह नाट्य मुद्रा संयुक्त हाथों से होती है।
विधि
___दायीं हथेली स्वयं की तरफ, तर्जनी और कनिष्ठिका ऊपर की तरफ फैली हुई, मध्यमा और अनामिका हथेली में मुड़ी हुई तथा अंगूठे का प्रथम पोर मध्यमा और अनामिका के प्रथम पोर का स्पर्श करता हुआ रहे।
- बायां हाथ ऊपर उठा हुआ, अंगुलियाँ और अंगूठा एक साथ ऊपर की तरफ फैले हुए एवं हल्के से झुके हुए तथा दायें हाथ के पिछले हिस्से को स्पर्श करते हुए रहने पर सिंह मुद्रा बनती है।62 .
लाभ
सिंह मुद्रा चक्र- मूलाधार एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- पृथ्वी एवं आकाश तत्त्व प्रन्थिप्रजनन एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- शक्ति एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंगमेरूदण्ड, गुर्दे, पाँव, निचला मस्तिष्क एवं स्नायु तंत्र।