________________
अध्याय - 4
अभिनय दर्पण में वर्णित अतिरिक्त मुद्राओं के सुप्रभाव
नन्दिकेश्वर कृत अभिनय दर्पण 6वीं - 7वीं शताब्दी का असाधारण ग्रन्थ माना जाता है। इसमें नाट्य सम्बन्धी हस्त मुद्राओं का सुविस्तृत विवेचन है जो संख्या भेद को छोड़कर नाट्यशास्त्र के समान ही ज्ञात होता है। अभिनय दर्पण में असंयुक्त हस्त मुद्राओं के 28 प्रकार हैं और संयुक्त हस्त मुद्राओं की संख्या 23 कही गई हैं जबकि नाट्यशास्त्र में असंयुक्त मुद्राएँ 24 और संयुक्त मुद्राएँ 13 प्रकार की बताई गई हैं। इसी प्रकार अभिनय दर्पण में नृत्तहस्त की 23 मुद्राओं का उल्लेख है जबकि नाट्यशास्त्र में तत्सम्बन्धी 30 प्रकार कहे गये हैं ।
अभिनय दर्पण में वर्णित 74 नाट्य मुद्राओं की सूचि इस प्रकार हैअसंयुक्त हस्त मुद्राएँ - 1. पताका मुद्रा 2. त्रिपताका मुद्रा 3. अर्धपताका मुद्रा 4. कर्तरीमुख मुद्रा 5 मयूर मुद्रा 6. अर्धचन्द्र मुद्रा 7. अराल मुद्रा 8. शुकतुण्ड मुद्रा 9. मुष्टि मुद्रा 10. शिखर मुद्रा 11. कपित्थ मुद्रा 12. कटकामुख मुद्रा 13. सूचीमुख मुद्रा 14. चन्द्रकला मुद्रा 15. पद्मकोश मुद्रा 16. सर्पशीर्ष मुद्रा 17. मृगशीर्ष मुद्रा 18 सिंहमुख मुद्रा 19. कांगुल मुद्रा 20. अलपद्म मुद्रा 21. चतुर मुद्रा 22. भ्रमर मुद्रा 23. हंसास्य मुद्रा 24. हंसपक्ष मुद्रा 25 सन्दंश मुद्रा 26. मुकुल मुद्रा 27. ताम्रचूड़ मुद्रा 28. त्रिशूल । '
संयुक्त हस्त- 1. अंजलि मुद्रा 2. कपोत मुद्रा 3. कर्कट मुद्रा 4. स्वस्तिक मुद्रा 5. डोलाहस्त मुद्रा 6. पुष्पपुट मुद्रा 7. उत्संग मुद्रा 8. शिवलिंग हस्त मुद्रा 9. कटकावर्धन मुद्रा 10. कर्तरी स्वस्तिक मुद्रा 11. शकट मुद्रा 12. शंख मुद्रा 13. चक्र मुद्रा 14. सम्पुट मुद्रा 15 पाश मुद्रा 16. कीलक मुद्रा 17. मत्स्य मुद्रा 18. कूर्म मुद्रा 19. वराह मुद्रा 20. गरूड मुद्रा 21. नागबंध मुद्रा 22. खट्वा मुद्रा 23. मेरूदंड हस्त मुद्रा | 2