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भरतमुनि रचित नाट्य शास्त्र की मुद्राओं का स्वरूप......143 24. उरोमण्डलिन् मुद्रा
हृदय को उर कहते हैं। नाट्य शास्त्र के अनुसार इस मुद्रा में दोनों हाथों को वक्षःस्थल पर घुमाते हुए स्थिर कर दिया जाता है। अत: इस मुद्रा को उरो मण्डलिन् कहा गया है। द्वितीय विधि
जिस मुद्रा में एक हाथ उद्वेष्टित और दूसरा हाथ अपवेष्टित हो फिर उन दोनों को वक्षःस्थल पर घुमाते हए रख दिया जाता हो तो वह उरोमण्डलिन् मुद्रा कहलाती है।134
उरोमण्डलिन् मुद्रा-2