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जैन एवं इतर परम्परा में उपलब्ध मुद्राओं की सूची ...63 मुद्राओं का प्रतिपादन किया है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि मुद्रा योग के सम्बन्ध में हर युग के साधकों ने एक नया चिन्तन प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। अगोचरी आदि मुद्राएँ अर्वाचीन कृतियों में उपलब्ध होने के बावजूद भी अध्यात्म एवं परम पद की प्राप्ति से सम्बन्धित हैं।
वर्तमान प्रचलित मुद्राएँ कुछ स्वतंत्र तो कुछ पूर्ववर्ती ग्रन्थों से उद्धृत की गई है। इन प्रचलित मुद्राओं का उपयोग अधिकांश रोग निवारण एवं मानस शान्ति हेतु किया जाता है। तदुपरान्त गायत्री मन्त्र आदि कई मुद्राओं का प्रयोग जाप आदि नित्य कर्म के लिए भी होता है। ___यहाँ यह भी उल्लेख्य है कि कतिपय मुद्राओं के नाम समान होने पर भी ग्रन्थों में उनके भिन्न-भिन्न स्वरूप प्राप्त होते हैं, कुछ समान नाम की मुद्राएँ भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए प्रयुक्त होती है तथा कुछेक मुद्राएँ नाम से भिन्न होने पर भी उनका स्वरूप एवं प्रयोग समान होता है। इसलिए गुरूगम पूर्वक मुद्राओं की साधना करते हुए उसके सुपरिणामों का अनुभव करना चाहिए।
बौद्ध परम्परा में उपलब्ध मुद्राओं की सूची 1. सप्तरत्न सम्बन्धी मुद्राएँ
1. चक्ररत्न मुद्रा 2. मणिरत्न मुद्रा 3. स्त्रीरत्न मुद्रा 4. पुरुषरत्न मुद्रा 5. हस्तिरत्न मुद्रा 6. अश्वरत्न मुद्रा 7. उपरत्न मुद्रा 8. खड्गरत्न मुद्रा।52 2. अष्ट मंगल सम्बन्धी मुद्राएँ
1. निधिघट मुद्रा 2. पद्मकुंजर मुद्रा 3. श्रीवत्स्य मुद्रा 4. सितातपत्र मुद्रा 5. सुवर्ण चक्र मुद्रा 6. वज्र आलोक मुद्रा 7. वज्र दशैं मुद्रा 8. वज्र धर्मे मुद्रा 9. वज्र धूपे मुद्रा 10. वज्र गन्धे मुद्रा 11. वज्र गीते मुद्रा 12. वज्र हस्ये मुद्रा 13. वज्र लास्ये मुद्रा 14. वज्र मृदंगे मुद्रा 15. वज्र मुरजे मुद्रा 16. वज्र नृत्ये मुद्रा 17. वज्र पुष्पे मुद्रा 18. वज्र रास्ये मुद्रा 19. वज्र स्पर्शे मुद्रा 20. वज्र वंशे मुद्रा 21. वज्र वीने मुद्रा 22. कनक मत्स्य मुद्रा 23. कुण्ड ध्वज मुद्रा 24. शंखावर्त्त मुद्रा।53 3. म-म मडोस् से सम्बन्धित मुद्राएँ ____ 1. सर्वधर्मः मुद्रा 2. सर्वतथागतेभ्यो मुद्रा 3. वज्रअमृतकुंडली मुद्रा