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________________ 16... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन सकता है, कुछ गुणों से रहित हो तो मध्यम अधिकारी कहा जा सकता है इत्यादि विवरण गुरुगम से जानना चाहिए। यहाँ प्रश्न हो सकता है कि मन्दिर निर्माण हेतु अपेक्षित योग्यताएँ होना आवश्यक क्यों? इस विषय का स्पष्टीकरण करते हुए आचार्य हरिभद्रसूरि ने कहा है कि यदि व्यक्ति जिनमन्दिर का निर्माण करवाते समय उक्त गुणों की ऋद्धि से युक्त हो तो उनको अनेक जीवों में संचरित कर उनका हित करते हुए अपना भी हित करता है । योग्य व्यक्ति को मन्दिर निर्माण करवाते देखकर कुछ गुणानुरागी मोक्ष मार्ग को प्राप्त करते हैं तथा दूसरे गुणानुराग रूप शुभ परिणाम से मोक्ष प्राप्ति के लिए बीज स्वरूप सम्यग्दर्शन आदि को प्राप्त करते हैं । 11 इस तरह स्पष्ट है कि योग्य व्यक्ति द्वारा जिनचैत्य का निर्माण करवाये जाने पर सकल संघ का कल्याण होता है तथा सम्यग्दर्शन आदि की प्राप्ति और मोक्षमार्ग की उपलब्धि हो सकती है। कैसा गृहस्थ प्रतिष्ठा करवा सकता है? प्रतिष्ठा सम्बन्धी कार्यों में द्रव्य का व्यय करने वाला और जिन प्रतिमा को शुभ मुहूर्त में प्रतिष्ठित करने वाला व्यक्ति योग्य होना चाहिए। सुयोग्य गृहस्थ के शुभ परिणाम एवं न्याय संचित द्रव्य का उपयोग करने से तज्जनित सभी विधिविधान पूर्णतः सफल होते हैं। श्वेताम्बर ग्रन्थों में इस विषयक स्पष्ट वर्णन प्राप्त नहीं होता है किन्तु दिगम्बर आचार्य जयसेन के प्रतिष्ठा पाठ में कहा गया है कि प्रतिष्ठा करवाने वाला निम्नोक्त लक्षणों से युक्त होना चाहिए । वह न्यायपूर्वक आजीविका का सम्पादन करनेवाला हो, गुरु भक्त हो, अनिन्दक हो, विनयवान हो, ब्राह्मण, क्षत्रिय या वैश्यवर्णी हो, व्रत क्रिया में संलग्न हो, प्रभु वन्दना में तत्पर हो, शीलवान हो, श्रद्धावान हो, उदार हो, शुभाकांक्षी हो, शास्त्र का ज्ञाता हो, कषाय मुक्त हो, पापक्रिया, उन्माद, अपवाद, कुकर्म आदि से रहित उदार बुद्धि वाला हो, ऐसा व्यक्ति प्रतिष्ठा का अधिकारी माना गया है। 12 इसके अतिरिक्त निम्न श्रेणी का व्यापार करने वाला, कुदेवों की पूजा करने वाला, चौर्य कर्म करने वाला, व्यभिचार द्वारा धन संग्रह करने वाला, जुआरी,
SR No.006251
Book TitlePratishtha Vidhi Ka Maulik Vivechan Adhunik Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages752
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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