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प्रतिष्ठा विधानों के अभिप्राय एवं रहस्य ...555
सन्दर्भ-सूची 1. (क) पंचाशक प्रकरण, 8/25
(ख) निर्वाण कलिका, पृ. 45-46 2. पंचाशक प्रकरण, 8/28 3. वही, 8/27 4. वही, 8/32-33 5. वही, 8/29-31 6. जह सिद्धाण पतिट्ठा, तिलोगचूडामणिम्मि सिद्धपदे।
आचंदसूरियं तह, होउ इमा सुप्पतिठ्ठत्ति ॥ एवं अचलादीसुवि, मेरूप्पमुहेसु होति वत्तव्वं । एते मंगलसद्दा, तम्मि सुहनिबंधणा दिट्ठा।
पंचाशक प्रकरण, 8/34-35 7. वही, 8/36 8. वही, 8/37 9. वही, 8/38 10. वही, 8/39 11. नन्दीसूत्र, गा. 4-19 12. पंचाशक प्रकरण, 8/41 13. वही, 8/43 14. वही, 8/44 15. वही, 8/45 16. ऋषिमंडल यन्त्र पूजन, पृ. 4 17. जैन धर्म और तान्त्रिक साधना, पृ. 222 18. निर्वाण कलिका, पृ. 49 19. मन्त्रराज रहस्य, पृ. 104 20. जैन धर्म और तान्त्रिक साधना, पृ. 43 21. पंचाशक प्रकरण, 8/18 22. वही, 8/19-20 23. मुद्रा विज्ञान, पृ. 45 24. संस्कृत हिन्दी कोश, पृ. 709 25. षोडशक प्रकरण, 8/16