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________________ 488... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन कुंभ स्थापना किस दिन करें?- कुंभ स्थापना प्रतिष्ठा, दीक्षा, महापूजन अथवा किसी भी बृहद अनुष्ठान आदि में महोत्सव के प्रारंभ में की जाती है। कल्याण कलिका के उल्लेखानुसार उत्सव के प्रथम दिन अथवा पाँच या सात दिन पूर्व अथवा अन्तिम दिन में जिस दिन भी कुंभचक्र और चंद्रबल श्रेष्ठ हो उस दिन कुंभ स्थापना करनी चाहिए।15 कुंभ स्थापना किस दिशा में की जाए?- कल्याण कलिका में प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान दो जगहों पर कुंभ स्थापना करने का उल्लेख है- पहली कुंभ स्थापना मूल गर्भगृह के दाहिनी तरफ तथा दूसरी कुंभ स्थापना उत्सव मंडप में भी नूतन प्रतिमाओं के दाहिनी तरफ ही करनी चाहिए। महापूजन आदि के अवसरों पर भी जिन बिम्ब के दाहिनी तरफ ही कुंभ स्थापना की जानी चाहिए।16 कुंभ स्थापना करने से पूर्व उस स्थान को शुद्ध करें। सुहागिन स्त्री के द्वारा कुंकुम का स्वस्तिक बनवाकर उस पर सवा सेर जौ और चावल रखवायें अथवा जवार का स्वस्तिक बनवायें। फिर उसके ऊपर कुंभ की स्थापना करें। कुंभ कैसा हो? कुंभ काले दाग आदि से रहित, सुंदर आकार वाला और पक्का होना चाहिए। उस कुंभ के ऊपर अष्ट मंगल उकेरने चाहिए। कुंभ को श्रेष्ठ चावलों के चूर्ण आदि से शुद्ध कर सुवासित करना चाहिए। फिर उसके भीतर केसर चंदन का स्वस्तिक करना चाहिए। तत्पश्चात उस घड़े में पंचरत्न की पोटली, सुवर्ण मुद्रा एवं सुपारी डालकर जलयात्रा के द्वारा लाए गए शुद्ध जल से उसे भरें। फिर उसके ऊपर नागरवेल (पान) के पत्ते और श्रीफल रखकर उसे हरे वस्त्र से ढकते हुए कांकण डोरे से बांधे। फिर उस वस्त्र पर केशर-बरख आदि लगाकर उसे पुष्पमाला भी पहनायें। इस प्रकार कुंभ स्थापना हेतु कलश तैयार किया जाता है। वर्तमान में मिट्टी के घड़े के स्थान पर चाँदी का कलश भी प्रयोग में लिया जाता है। कुंभ स्थापना कौन करें?- इस मंगल स्थापना का विधान सौभाग्यवती नारियों के द्वारा किया जाता है। लोक व्यवहार में भी मांगलिक कार्य सुहागिन महिलाओं के द्वारा ही सम्पन्न किए जाते हैं, क्योंकि सौभाग्यवती स्त्री को शुभ माना गया है। गुरु भगवंत उपस्थित हों तो उनके द्वारा अथवा विधिकारक के द्वारा कुंभ स्थापना करवाई जानी चाहिए।
SR No.006251
Book TitlePratishtha Vidhi Ka Maulik Vivechan Adhunik Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages752
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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