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432... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन
सर्वप्रथम पाँच शेर जवार की धाणी तैयार करें। फिर सवा शेर का माणेक लड्ड तैयार करें, उसमें चाँदी का पैसा और बिना बिंधा हुआ मोती डालें। फिर उस लड्ड को धाणी के ऊपर रखें। उसके बाद लड्ड के समीप पताशा, धूप एवं कुसुमांजलि रखकर विसर्जन विधि प्रारम्भ करें। 1. कुंभ विसर्जन- कुंभ के निकट जाकर 'ॐ विसर-विसर स्वस्थानं
गच्छ गच्छ स्वाहा' ऐसा बोलें। 2. अखंड दीप विसर्जन- अखंड दीपक के समीप जाकर — ॐ विसर
विसर स्वस्थानं गच्छ-गच्छ स्वाहा' ऐसा बोलें। 3. नंद्यावर्त विसर्जन- नंद्यावर्त पट्ट के समीप जाकर 'ॐ विसर-विसर
स्वस्थानं गच्छ-गच्छ स्वाहा' ऐसा कहें। 4. नवग्रह विसर्जन- नवग्रह पट्ट के निकट खड़े होकर निम्न मंत्र पढ़ें1. ॐ नमो आदित्याय सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजां
बलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा। 2. ॐ नमो नमश्चन्द्राय सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजां
बलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा। 3. ॐ नमो भौमाय सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजां
बलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा। 4. ॐ नमो बुधाय सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजां
बलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा। 5. ॐ नमो बृहस्पतये सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजां
बलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा। 6. ॐ नमो शुक्राय सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजां
बलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा। 7. ॐ नमो शनैश्चराय सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजां
बलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा। 8. ॐ नमो राहवे सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजां
बलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा। 9. ॐ नमो केतवे सायुधाय सवाहनाय सपरिजनाय पूजां
बलिं गृहाण गृहाण स्वस्थानं गच्छ गच्छ स्वाहा।