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प्रतिष्ठा उपयोगी विधियों का प्रचलित स्वरूप ...355
जलानयन विधि 108 अथवा 27 कुओं का जल लाने की विधि इस प्रकार है
• नदी, सरोवर या कूप आदि जलाशय के समीप स्नान करें, शुद्ध वस्त्र पहनें वासचूर्ण, अक्षत, बलि बाकुला आदि को अभिमंत्रित करें।
• फिर अष्ट प्रकारी पूजा की सामग्री लेकर एवं कूप आदि के निकट पहुँचकर निम्न मंत्र बोलें
ॐ वं वं वं नमो वरुणाय पाशहस्ताय सकलयादोऽधीशाय सकल जलपक्षाय सकलनिलयाय सकल समुद्र नदी सरोवर पल्लवनिर्झरकूपवापीस्वामिने ऽमृतकाय देवाय, अमृतं देहि देहि, अमृतं स्रावय स्रावय, नमोऽस्तु ते स्वाहा।।
• उसके बाद अंकुश मुद्रा दिखाकर निम्न मंत्र कहते हुए सरोवर आदि की अष्ट प्रकारी पूजा करें___ ॐ जलं गृहाण-गृहाण। चंदन गृहाण-गृहाण। पुष्प गृहाण-गृहाण। दीपं गृहाण-गृहाण। धूपं गृहाण-गृहाण। अक्षतं तांबूलं नैवेद्यं फलं द्रव्यं समर्पयामि स्वाहा। बलिं गृहाण-गृहाण स्वाहा।
• फिर निम्न मंत्र कहकर जल ग्रहण करें
ॐ आपोडप्काया एकेन्द्रिया जीवा निरवद्यार्हत पूजायां निर्व्यथाः सन्त. सद्गतयः सन्तु, न मेऽस्तु संघट्टनहिंसा पापमहदर्चने स्वाहा।
• इसी प्रकार सर्व कुओं-नदियों की पूजा करते हुए जल ग्रहण करें।
• तदनन्तर जलाशय के समीप एक गड्ढा करके उसमें दीप-नैवेद्य रखें तथा नवकार मन्त्र का स्मरण करते हुए नारियल अर्पित करें।
॥ इति जलानयन विधि ।।
जिनबिम्ब प्रवेश विधि नूतन गृह मंदिर, श्रीसंघ मंदिर अथवा जिर्णोद्धारित मंदिर में जिनबिम्ब का प्रवेश करवाना हो तो उसकी यह विधि है
मुहूर्त ग्रहण-पूर्व में बताए गए निश्चित दिन में शुभ ग्रह-नक्षत्र आदि से बलवान स्थिर लग्न को बधाएं। फिर लग्नदायक ज्योतिषि का अक्षत, श्रीफल, वस्त्र, द्रव्यादि के द्वारा यथाशक्ति सत्कार करें।