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314... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन
ॐ नमो नागाय पाताल निवासाय पद्मवाहनाय सायुधाय सपरिजनाय जिनबिम्ब प्रतिष्ठा महोत्सवे आगच्छ-आगच्छ स्वाहा। फिर निम्न मंत्र से नाग देव की स्थापना करें
अत्र तिष्ठ-तिष्ठ स्वाहा फिर निम्न मंत्रों से नाग देव की अष्ट प्रकारी पूजा करें1. चन्दनं समर्पयामि स्वाहा -चंदन पूजा करें। 2. पुष्पं समर्पयामि स्वाहा -मोगरा का पुष्प चढ़ायें। 3. वस्त्रं समर्पयामि स्वाहा -श्वेत रेशमी वस्त्र चढ़ायें। 4. फलं समर्पयामि स्वाहा -श्वेत बादाम चढ़ायें। 5. धूपमाघ्रापयामि स्वाहा -धूप दिखायें। 6. दीपं दर्शयामि स्वाहा -दीपक दिखायें। 7. नैवेद्यं समर्पयामि स्वाहा -दध के पेड़े चढ़ायें। 8. अक्षतं ताम्बूलं द्रव्यं सर्वोपचारान् समर्पयामि स्वाहा -पान, अक्षत,
सुपारी और पैसा आदि चढ़ायें। फिर स्फटिक की माला से 108 बार निम्न मंत्र का जाप करें
ॐ नागाय नमः फिर निम्न मंत्र को तीन बार कहते हुए नाग देव को तीन बार अर्घ्य दें
ॐ औं ह्रीं क्रौं ऐं ह्यौं पद्मावती सहिताय धरणेन्द्र
संवौषट् (स्वाहा) फिर दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करें
पातालाधिपतिर्यस्तु, सर्वदा पद्मवाहनः ।
संघस्य शान्तये सोऽस्तु, बलि पूजां प्रतीच्छतु ।। अष्ट मंगल पूजन विधि - सर्वप्रथम पूजन करने वालों का प्रारम्भ में तिलक करें। फिर हाथ में मींढल बांधे। फिर गुरु महाराज एवं उपस्थित सभी जन इरियावही और आत्मरक्षा कवच करें। ___ तत्पश्चात अनुष्ठान कर्ता चित्रित अष्ट मंगल पट्ट को धोकर उस पर मौली बांधे।
उसके बाद अनार की लेखनी से कस्तुरी, अम्बर, श्वेत चंदन, हींगलोक,