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प्रतिष्ठा उपयोगी विधियों का प्रचलित स्वरूप ...307
4. फलं समर्पयामि स्वाहा -लाल सुपारी चढ़ायें। 5. धूपमाघ्रापयामि स्वाहा -धूप दिखायें। 6. दीपं दर्शयामि स्वाहा -दीपक दिखायें। 7. नैवेद्यं समर्पयामि स्वाहा -चुरमे का लड्ड चढ़ायें। 8. अक्षतं ताम्बूलं द्रव्यं सर्वोपचारान् समर्पयामि स्वाहा -पान, अक्षत,
सुपारी और पैसा आदि चढ़ायें। फिर लाल रंग की सूत की माला से 108 बार निम्न मंत्र का जाप करें
ॐ अग्नये नमः फिर निम्न मंत्र को तीन बार कहते हुए अग्नि देव को तीन बार अर्घ्य दें
ॐ ह्रीं रें रों सैं रै रौं रः अग्नि संवौषट् (स्वाहा)। फिर दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करें
सदा वहिदिशो नेता, पावको मेषवाहनः ।
संघस्य शान्तये सोऽस्तु, बलि पूजां प्रतीच्छतु ।। 3. यम पूजा
सर्वप्रथम दक्षिण दिशा के अधिपति यम को अक्षत और सुगन्धित पुष्प चढ़ाते हुए बधायें
ॐ हूं हूँ हाँ क्षः यम संवौषट् (स्वाहा)। तत्पश्चात कस्तूरी से यम देव का आलेखन करेंफिर निम्न मंत्र से यम देव का आह्वान करें
ॐ नमो यमाय दक्षिणदिगधिष्ठायकाय महिषवाहनाय दंडायुधाय कृष्णमूर्तये सपरिजनाय जिनबिम्बप्रतिष्ठामहोत्सवे आगच्छ-आगच्छ स्वाहा। फिर निम्न मंत्र से यम देव की स्थापना करें
अत्र तिष्ठ-तिष्ठ स्वाहा फिर निम्न मंत्रों से यम देव की अष्ट प्रकारी पूजा करें1. चन्दनं समर्पयामि स्वाहा -कुंकुम से पूजा करें। 2. पुष्पं समर्पयामि स्वाहा -दमणो (डमरा) के पुष्प चढ़ायें। 3. वस्त्रं समर्पयामि स्वाहा -लाल वस्त्र चढ़ायें। 4. फलं समर्पयामि स्वाहा -काली सुपारी चढ़ायें। 5. धूपमाघ्रापयामि स्वाहा -धूप दिखायें। 6. दीपं दर्शयामि स्वाहा -दीपक दिखायें।