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298... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन
'अत्र तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा' फिर निम्न मंत्रों से मंगल ग्रह की अष्टप्रकारी पूजा करें1. ॐ नमः भौमाय सवाहनाय सपरिकराय सायुधाय
चन्दनं समर्पयामि स्वाहा - केसर से पूजा करें। 2. पुष्पं समर्पयामि स्वाहा - जासुद का पुष्प चढ़ायें। 3. वस्त्रं समर्पयामि स्वाहा - लाल वस्त्र चढ़ायें। 4. फलं समर्पयामि स्वाहा - लाल सुपारी चढ़ायें। 5. धूपमाघ्रापयामि स्वाहा - धूप दिखायें। 6. दीपं दर्शयामि स्वाहा - दीप दिखायें। 7. नैवेद्यं समर्पयामि स्वाहा -गेहूँ का लड्ड चढ़ायें। 8. अक्षतं ताम्बूलं द्रव्यं सर्वोपचारान् समर्पयामि स्वाहा। - पान, लाल
अक्षत, लाल सुपारी, पैसे आदि चढ़ायें। फिर लाल माला से 108 बार निम्न मंत्र का जाप करें।
ॐ मंगलाय नमः फिर निम्न मंत्र को तीन बार मंगल ग्रह को अर्घ्य दें।
ॐ नमो भूमिपुत्राय भूभृकुटिलनेत्राय वक्रवदनाय द्रः
सः मंगलाय स्वाहा। फिर अन्त में दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करें
सर्वदा वासुपूज्यस्य, नाम्ना शान्ति जयश्रियम् ।
रक्षां कुरु धरासूनो, अशुभोऽपि शुभो भव ।। 4. बुध पूजन
सर्वप्रथम निम्न मंत्र बोलकर अक्षत एवं सुगन्धित पुष्प से बुध ग्रह को बधायें।
ॐ नमो बुधाय श्री श्री श्रः द्रः स्वाहा उसके बाद चंदन, केसर, कस्तुरी से बुध का आलेखन करें। फिर निम्न मंत्र से बुध का आह्वान करें।
ॐ नमो बुधाय सवाहनाय सपरिकराय सायुधाय अमुक गृहे वृद्धस्नात्र महोत्सवे आगच्छ-आगच्छ स्वाहा।
फिर निम्न मंत्र से बुध की स्थापना करें।