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प्रतिष्ठा उपयोगी विधियों का प्रचलित स्वरूप ...297 'अत्र तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा' फिर निम्न मंत्रों से चन्द्र ग्रह की अष्ट प्रकारी पूजा करें। 1. ॐ नमः चन्द्राय सवाहनाय सपरिकराय सायुधाय
चन्दनं समर्पयामि स्वाहा -बरास युक्त चन्दन से पूजा करें। 2. पुष्पं समर्पयामि स्वाहा -श्वेत पुष्प चढ़ायें। 3. वस्त्रं समर्पयामि स्वाहा -श्वेत वस्त्र चढ़ायें। 4. फलं समर्पयामि स्वाहा -गन्ना चढ़ायें। 5. धूपं माघ्रापयामि स्वाहा -धूप दिखायें। 6. दीपं दर्शयामि स्वाहा -दीपक दिखायें। 7. नैवेद्यं समर्पयामि स्वाहा -मुरमुरे का लड्डू चढ़ायें। 8. अक्षतं तांबूलं द्रव्यं सर्वोपचारान् समर्पयामि स्वाहा -पान, अखण्ड
चावल, सुपारी, पैसे आदि चढ़ायें। फिर श्वेत माला से 108 बार निम्न मंत्र का जाप करें।
ॐ चन्द्राय नमः फिर निम्न मंत्र को तीन बार कहते हुए तीन बार चन्द्र ग्रह को अर्घ्य दें
ॐ रोहिणीपरतये चन्द्राय ॐ ह्रीं ह्रां द्रीं चन्द्राय नमः स्वाहा। फिर अन्त में दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करें
चन्द्रप्रभजिनेन्द्रस्य, नाम्ना तारागणाधिप ।
प्रसन्नोभव शान्तिं च, रक्षां कुरू जयश्रियम् ।। 3. मंगल पूजन
सर्वप्रथम निम्न मन्त्र बोलकर अक्षत एवं सुगन्धित पुष्प से मंगल ग्रह को बधायें।
ॐ नमो भूमिपुत्राय भूभृकुटिलनेत्राय वक्रवदनाय द्रः
सः मंगलाय स्वाहा। उसके बाद रतांजलि अथवा केसर से मंगल ग्रह का आलेखन करें। फिर निम्न मंत्र से मंगल का आह्वान करें___ॐ नमो भौमाय सवाहनाय सपरिकराय सायुधाय अमुक
गृहे वृद्धस्नात्रमहोत्सवे आगच्छ-आगच्छ स्वाहा। फिर निम्न मंत्र से मंगल की स्थापना करें।