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________________ प्रत्याख्यान आवश्यक का शास्त्रीय अनुचिन्तन ...347 प्रत्याख्यान मूलगुणं प्रत्याख्यान उत्तरगुण प्रत्याख्यान सर्वमूल देशमूल सर्वउत्तर देशउत्तर पहला दूसरा तीसरा चौथा पांचवाँ महाव्रत स्थूल प्रा. स्थूल मृ. स्थूल अ. स्वदारा परिग्रह सन्तोष व्रत परिमाण व्रत 1. अनागत 2. अतिक्रान्त 3. कोटि सहित - 4. नियंत्रित . 5. साकार 6. अनाकार 7. कृत-परिमाण 8. निरवशेष 9. संकेत 10. अद्धा 1. 2 3 4 5 6 7 8 अंगुठ मुट्ठि गंठि घर स्वेद ऊसास थिबुक जोई सहित सहित सहित सहित सहित सहित सहित सहित 1. 2 3 4 5 6 7 8 9 10 नमुक्कारसी पोरिसी पुरिमड्ड एकासण एकलठाण आयंबिल उपवास चरिम अभिग्रह विगई . साढपोरिसी अवड्ड त्याग देशउत्तर अतिथिसंविभाग दिग्व्रत उपभोग अनर्थदंड सामायिक देशावगासिक पोषधोपवास परिभोग- विरमण परिमाण
SR No.006248
Book TitleShadavashyak Ki Upadeyta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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