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________________ 224... षडावश्यक की उपादेयता भौतिक एवं आध्यात्मिक सन्दर्भ में एकमात्र मूल कारण विनय है। 'इच्छामि खमासमणो' रूप गुरु वंदन का पाठ विनय गुण का साक्षात आदर्श उपस्थित करता है। उपाध्याय अमरमुनि के शब्दों में कहें तो वंदन काल में शिष्य के मुख से एक-एक शब्द प्रेम और श्रद्धा के अमृत रस में डूबा निकलता है। वन्दना करने के लिए पास में आने की भी अनुमति मांगना, चरण छूने से पहले अपने संबंध में 'निसीहिआए' पद के द्वारा सदाचार से पवित्र रहने का गुरु को विश्वास दिलाना, चरण छूने तक के कष्ट की क्षमायाचना करना, सायंकाल में दिन संबंधी और प्रातः काल में रात्रि संबंधी कुशलक्षेम पूछना, संयम यात्रा की अस्खलना पूछना, आवश्यक क्रिया करते हुए जो कुछ भी आशातना हुई हो तदर्थ क्षमा माँगना, पापाचारमय पूर्वजीवन का परित्याग कर भविष्य में नये क्रम से संयम जीवन के ग्रहण करने की प्रतिज्ञा करना आदि वन्दन का क्रम कितना भावपूर्ण है। पुनः पुनः 'क्षमाश्रमण' संबोधन का प्रयोग शिष्य के चित्त में क्षमापना की आतुरता प्रकट करता है और गुरु को उच्च कोटि का क्षमामूर्ति संत प्रमाणित करता है । वन्दन-आत्मविशुद्धि की श्रेष्ठ क्रिया है, विनयगुण का सशक्त आधार है। किसी अपेक्षा वन्दन और विनय को एकार्थक अथवा समतुल्य भी माना जा सकता है। जैनाचार्यों ने विनय को सर्वोपरि बतलाते हुए कहा है कि विनयहीन पुरुष का शास्त्र पढ़ना निष्फल है, क्योंकि विद्या का फल विनय है और उसका फल मोक्षसुख की उपलब्धि है 1 89 राजवार्तिककार के अनुसार विनय गुण के माध्यम से ज्ञानलाभ, आचार विशुद्धि और सम्यग् आराधना आदि की सिद्धि होती है और अन्त में इसके अवलम्बन से ही मोक्षसुख की प्राप्ति होती है अतः विनयधर्म (वन्दनकर्म) का अवश्य पालन करना चाहिए 190 भगवती आराधना के टीकाकार इसके मूल्य को दर्शाते हुए कहते हैं कि शास्त्रकथित विधि के अनुसार श्रुत अध्ययन करना चाहिए, श्रुतदाता गुरु की भक्ति करनी चाहिए, श्रुत को आदरपूर्वक ग्रहण करना चाहिए, श्रुतदाता एवं शास्त्र का नाम छिपाना नहीं चाहिए, अर्थ, व्यंजन एवं तदुभय की शुद्धिपूर्वक श्रुताभ्यास करना चाहिए। इस प्रकार विनय भावपूर्वक अभ्यस्त हुआ श्रुतज्ञान ही
SR No.006248
Book TitleShadavashyak Ki Upadeyta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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