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x... षड़ावश्यक की उपादेयता भौतिक एवं आध्यात्मिक सन्दर्भ में
एवं बीकानेर में आपने अनेक चिरस्मरणीय जन प्रेरक कार्य करवाएँ हैं।
परम पूज्य विजयमुनिजी म.सा. की प्रेरणा से बीकानेर में गौशाला बनवाई है। जहाँ वर्तमान में 4200 गायें हैं। बीकानेर में पूज्य मनोज्ञ सागरजी म.सा., साध्वी लक्ष्यपूर्णा श्रीजी म.सा., उदयरामसर में श्रुतदर्शना श्रीजी म.सा. के चातुर्मास करवाने का लाभ भी प्राप्त किया है। पूज्य मनोज्ञसागरजी म.सा. की निश्रा में बीकानेर से ब्रह्मसर एवं बीकानेर से दिल्ली छ:री पालित संघ का
आयोजन भी किया है। इसी के साथ कोटा गुरुकुल, उदयरामसर स्कूल, बीकानेर जैन पब्लिक स्कूल के निर्माण में भी आपका विशेष अनुदान रहा है। जैन समाज के सभी कार्यों में आप नि:स्वार्थ भाव से एवं खुले दिल से अपना योगदान देते हैं। किसी भी प्रकार की Post से सदा दूर ही रहते हैं।
आप विचारों से उदार, दृष्टिकोण से प्रगतिशील एवं लक्ष्य प्राप्ति में सदा क्रियाशील हैं। आपके दृष्टिकोण में उत्कृष्टता, विचारों में दूरदर्शिता, गतिविधियों में शालीनता समाहित है।
आपकी धर्मपत्नी श्रीमती नेमीदेवी आपके हर कार्य में आपकी पृष्ठाधार बनकर खड़ी रहती हैं। आपके परिवार को एक सुंदर फुलवारी के रूप में महकाने का श्रेय इन्हीं को जाता है। आपके दोनों पुत्र भी जन सेवा आदि मानवीय कर्तव्यों के प्रति रूचिवन्त हैं। ___ आप जैसे उदार हृदयी श्रावक जिनशासन की उन्नति हेतु सदा उत्साहित एवं अग्रणी रहते हैं। सन् 2011 के कोलकाता चातुर्मास के दौरान जब आपको साध्वी सौम्यगुणाजी के विशद शोध कार्य के बारे में पता चला तो श्रुतदान की इच्छा अभिव्यक्त की। सज्जनमणि ग्रंथमाला प्रकाशन आप के इस उदार हृदयता का सम्मान करता है। आप स्वस्थ एवं दीर्घायु रहकर शासन में इसी तरह संलग्न रहें यही आंतरिक अभ्यर्थना।