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विषयानुक्रमणिका
अध्याय 1: प्रायश्चित्त का अर्थ एवं स्वरूप विमर्श
1-8
1. प्रायश्चित्त शब्द के विभिन्न अर्थ 2. प्रायश्चित्त का स्वरूप एवं शास्त्र निर्दिष्ट परिभाषाएँ 3. प्रायश्चित्त के एकार्थवाची ।
अध्याय - 2 : जैन वाङ्मय में प्रायश्चित्त के प्रकार
एवं उपभेद
9-46
1. प्रायश्चित्त की विविध कोटियाँ • आलोचना योग्य दोष • प्रतिक्रमण योग्य दोष • तदुभय (आलोचना - प्रतिक्रमण ) योग्य दोष • विवेक प्रायश्चित्त योग्य दोष • व्युत्सर्ग (कायोत्सर्ग) प्रायश्चित्त योग्य दोष • किस दोष में कितने उच्छ्वास परिमाण कायोत्सर्ग करें ? • तप प्रायश्चित्त योग्य दोष • लघुमासिक के योग्य अपराध • गुरुमासिक के योग्य अपराध • लघु चातुर्मासिक के योग्य अपराध • गुरुचातुर्मासिक के योग्य अपराध • छेद प्रायश्चित योग्य दोष • मूल प्रायश्चित्त योग्य दोष अनवस्थाप्य प्रायश्चित्त के योग्य दोष • पारांचिक प्रायश्चित्त के योग्य दोष ।
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2. प्रायश्चित्त दान के अधिकारी • कौन किस प्रायश्चित्त का अधिकारी ?
3. प्रायश्चित्त देने का अधिकार मनः पर्यवज्ञानी एवं आचार्य आदि को ही क्यों? 4. वर्तमान में कितने प्रायश्चित्त प्रवर्त्तित हैं ?
5. प्रायश्चित्त के प्रकारान्तर • प्रतिसेवना प्रायश्चित्त • संयोजना प्रायश्चित्त • आरोपणा प्रायश्चित्त • प्रतिकुंचना प्रायश्चित्त ।
6. प्रायश्चित्त देने योग्य उपवास आदि तपों के अन्य मानदंडों की तालिका 7. प्रायश्चित्त दान के विभिन्न प्रकार एवं उसके विविध प्रतीकाक्षर • निशीथसूत्र के उपलब्ध संस्करण के अनुसार प्रायश्चित्त दान यंत्र • बृहत्कल्पभाष्य के अनुसार प्रायश्चित्त दान - यंत्र • निशीथभाष्य चूर्णि में प्रायश्चित्त दान के कुछ प्रतीकाक्षर ।