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हार्दिक अनुमोदन
श्री कान्तिलालजी मुकीम, श्री निर्मलचन्दजी
धाधिया, श्री कमलचंदजी धांधिया,
श्री विमलचन्दजी महमवाल आदि
समस्त ट्रस्टीगण की अन्तरंग इच्छा को
साकार करते हुए स्वाध्याय निमग्ना, परम विदुषी साध्वी श्री सौम्यगुणा श्रीजी म.सा. के अध्ययन प्रवास के चिरस्मरणार्थ
श्री जिनरंगसूरि पौशाल ट्रस्ट, कोलकाता के ज्ञान खाते से प्रकाशित
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