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विषयानुक्रमणिका
अध्याय-1 : तप का स्वरूप एवं परिभाषाएँ
1-20
1. तप शब्द के विभिन्न अर्थ 2. तप की शास्त्रीय परिभाषाएँ 3. तप करने का अधिकार किसे? 4. तपस्वी कौन? 5. तप प्रारम्भ हेतु शुभ दिन 6. तप प्रारम्भ की पूर्व विधि 7. प्रत्याख्यान पारने की विधि 8. प्रत्येक तप में करने योग्य सामान्य विधि 9. सर्व तपस्या ग्रहण करने की विधि ।
अध्याय - 2 : तप के भेद-प्रभेद एवं प्रकारों का वैशिष्ट्य
21-102
1. बाह्य और आभ्यन्तर तप भेद के हेतु 2. बाह्य एवं आभ्यन्तर तप में श्रेष्ठ कौन ? 3. तप का वर्गीकरण- बाह्य एवं आभ्यन्तर द्विविध रूप में।
• बाह्य तप के छह प्रकार - (i) अनशन (ii) ऊनोदरी (iii) भिक्षाचर्या (iv) वृत्तिसंक्षेप (v) रसपरित्याग और (vi) कायक्लेश का स्वरूप एवं उसके लाभ। • आभ्यन्तर तप के छह प्रकार- (i) प्रायश्चित्त (ii) विनय (iii) वैयावृत्य (iv) स्वाध्याय (v) ध्यान और (vi) व्युत्सर्ग का स्वरूप एवं विविध लाभ |
4. तप के अन्य प्रकार
• निक्षेप की अपेक्षा (i) नाम तप (ii) स्थापना तप (iii) द्रव्य तप। • अनाहार की अपेक्षा - (i) ओजाहार त्याग (ii) रोमाहार त्याग (iii) कवलाहार त्याग।
• कवलाहार त्याग की अपेक्षा - (i) अक्षुधा तप (ii) स्वभाव तप (iii) इहलोक तप (iv) परलोक तप (v) वीतराग तप (vi) सराग तप (vii) बाल तप (viii) अकाम तप ।
• अन्य तप भेदों की अपेक्षा - (i) सूर्योदय सापेक्ष (ii) सूर्यास्त सापेक्ष