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________________ अंगप्रविष्ट J आचार कालिक ↓ वर्गचूलिका विवाहचूलिका अरुणोपपात सूत्रकृत स्थान समवाय वरुणोपपात गरूड़ोपपात धरणोपपात वैश्रवणोपपात वेलन्धरोपपात देवेन्द्रोपपात उत्थानश्रुत समुत्थानश्रुत नागपरितापनिका निरयावलिका कल्पका कल्पावतंसिका पुष्पिका पुष्पचूलिका वृष्णिदशा जैन आगम : एक परिचय ... 17 उत्कालिक तन्दुलवैतालिक चन्द्रवेध्यक सूर्यप्रज्ञप्ति पौरुषीमंडल मंडलप्रवेश विद्याचारण विनिश्चय गणिविद्या ध्यान विभक्ति मरण विभक्ति आत्मविशोधि वीतराग श्रुत संलेखना श्रुत विहारकल्प चरणविधि आशीविष भावना, दृष्टिविष भावना, महास्वप्न भावना, चारणस्वप्न भावना, तेजोनिसर्ग भावना = 36 दिगम्बर मान्यतानुसार आगमों का वर्गीकरण इस प्रकार है - 65 आगम आतुर प्रत्याख्यान महा प्रत्याख्यान = 29 अंगबाह्य ↓ सामायिक चतुर्विंशतिस्तव वन्दना प्रतिक्रमण
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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