________________
आगम अध्ययन की मौलिक विधि का शास्त्रीय विश्लेषण ...lv योगवाही की कल्प्याकल्प्य सामाचारी 21. योगवाही की विशिष्ट सामाचारी 22. योगोद्वहन सम्बन्धी प्रायश्चित्त 23. दीक्षा पर्याय के अनुसार आगमों का अध्ययन क्रम 24. आगमों के अध्ययन हेतु निश्चित दीक्षा पर्याय का विधान क्यों? 25. आगम शास्त्रों के अध्ययन-अध्यापन (योगोद्वहन) का क्रम 26. कौनसा आगम कब पढ़ना चाहिए? 27. साध्वियों के लिए मूल आगम पढ़ने का निषेध क्यों? 28. योगोद्वहन काल में करणीय अनुष्ठानों का क्रम 29. विविध दृष्टियों से योगोद्वहन की उपादेयता 30. आधुनिक संदर्भ में योगोद्वहन की प्रासंगिकता 31. शिक्षा प्रबंधन का आवश्यक अंग-योगोद्वहन 32. सूत्र देवता अधिष्ठित कैसे? 33. योगोद्वहन की ऐतिहासिक विकास यात्रा 34. उपसंहार। अध्याय-5 : योगोद्वहन सम्बन्धी विविध विधियाँ 208-298
1. योग प्रवेश विधि 2. योगनन्दी विधि 3. उद्देश विधि 4. कालिक सूत्र के समय उद्देशादि की शेष विधि 5. उद्देश नन्दी एवं अनुज्ञा नन्दी के अतिरिक्त अन्य दिनों में करने योग्य उद्देशादि विधि 6. कालिक सूत्रयोग की समुद्देश विधि 7. कालिक सूत्रयोग की सन्ध्याकालीन विधि।
8. काल ग्रहण विधि • कौनसा काल, किस समय ग्रहण करें? . कौनसा काल, किन दिशाओं में ग्रहण करें? • किस काल को कितनी बार ग्रहण करें? • काल चतुष्क सम्बन्धी स्वाध्याय नियम • काल ग्रहण के अपवाद • काल ग्रहण सम्बन्धी सूचनाएँ • काल नाश के कारण • प्राभातिक काल नाश के कारण • काल मंडल नाश के कारण • कालग्राही एवं दांडीधर की विधि . काल मंडल प्रतिलेखन विधि।
9. वसति शुद्धि एवं स्वाध्याय काल प्रवेदन की विधि 10. प्रवेदन (पवेयणा) विधि 11. नोंतरा (काल मंडल प्रतिलेखन) विधि 12. कालमंडल (पाटली) विधि 13. संघट्टा-आउत्तवाणय ग्रहण विधि • संघट्ट ग्रहण की विशेष विधि • संघट्टा सम्बन्धी आवश्यक सूचनाएँ 14. स्वाध्याय प्रस्थापना विधि • स्वाध्याय प्रस्थापना प्रतिक्रमण विधि • स्वाध्याय प्रस्थापना सम्बन्धी नियम . स्वाध्याय हेतु काल प्रतिलेखना विधि।
___ 15. पाली पालटवानो (निर्दिष्ट तप के क्रम परिवर्तन की) विधि 16. योग निक्षेप (योग में से बाहर निकलने की) विधि 17. स्वाध्याय प्रतिष्ठापननिष्ठापन विधि।