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________________ 1-61 विषयानुक्रमणिका अध्याय-1 : जैन आगम : एक परिचय 1. आगम शब्द का अर्थ विचार 2. आगम की विभिन्न परिभाषाएँ 3. आगम के एकार्थवाची नाम 4. आगम के प्रकार 5. आगमों की मौखिक परम्परा का इतिहास एवं अवधारणाएँ 6. आगमों का विच्छेद क्रम 7. आगम वाचनाएँ कब और कहाँ? 8. आगम लेखन का प्रारम्भ कब से? 9. आगमों का वर्गीकरण 10. आगम रचना के प्रकार 11. आगमों की भाषा 12. आगमों के रचयिता कौन?13. आगमों की संख्या एवं नवीन वर्गीकरण 14. जैन आगमों का परिचय • ग्यारह अंग सूत्र • बारह उपांग सूत्र • चार मूल सूत्र • छ: छेद सूत्र • चूलिका सूत्र • दस प्रकीर्णक सूत्र। अध्याय-2 : अनध्याय विधि : एक आगमिक चिन्तन 62-98 1. अनध्याय का शाब्दिक अर्थ 2. अनध्याय के प्रकार (i) आगम साहित्य के अनुसार बत्तीस प्रकार • आकाश सम्बन्धी अस्वाध्याय . औदारिक सम्बन्धी दस अस्वाध्याय • महोत्सव सम्बन्धी चार अस्वाध्याय • महाप्रतिपदा सम्बन्धी चार अस्वाध्याय • सन्ध्या (काल) सम्बन्धी अस्वाध्याय। (ii) आगमिक व्याख्या साहित्य के अनुसार दो प्रकार• आत्मसमुत्थ-तिर्यंच सम्बन्धी और मनुष्य सम्बन्धी। • परसमुत्थ-संयमघाती, औत्पातिक, देवप्रयुक्त, व्युद्ग्रह और शरीर सम्बन्धी। (iii) सामान्य कारण सम्बन्धी अस्वाध्याय। 3. अस्वाध्याय काल में स्वाध्याय करने के दोष 4. अस्वाध्याय काल में स्वाध्याय न करने के प्रयोजन • दस आकाश सम्बन्धी अस्वाध्याय के कारण
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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