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योग तप (आगम अध्ययन) की शास्त्रीय विधि ...365 इसमें प्रतिदिन क्रमश: दो-दो उद्देशकों के उद्देश आदि करें तथा एक-एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में सभी क्रियाएँ छह-छह बार करें।
बाईसवें दिन योगवाही पन्द्रहवें-सोलहवें उद्देशक के उद्देश-समुद्देश की क्रिया करें, फिर चतुर्थ अध्ययन का समुद्देश करें, तत्पश्चात पन्द्रहवें-सोलहवें उद्देशक एवं चतुर्थ अध्ययन की अनुज्ञा विधि करें, एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में पूर्ववत सभी क्रियाएँ आठ-आठ बार करें।
तेईसवें दिन योगवाही पंचम अध्ययन का उद्देश करें, फिर इसके पहले, दूसरे उद्देशक के उद्देश, समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें तथा एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। इसकी विधि में सभी क्रियाएँ पूर्ववत सात-सात बार करें।
चौबीसवें, पच्चीसवें, छब्बीसवें एवं सत्ताइसवें दिन योगवाही क्रमश: तीसरे-चौथे, पाँचवें-छठे, सातवें-आठवें, नौवें-दसवें उद्देशकों के उद्देश, समद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें। प्रत्येक दिन एक-एक कालग्रहण लें तथा आयंबिल तप करें। इसकी क्रिया विधि में सभी क्रियाएँ छह-छह बार करें। ___ अट्ठाईसवें दिन योगवाही ग्यारहवें-बारहवें उद्देशक के उद्देश, समुद्देश की क्रिया करें, फिर पंचम अध्ययन का समुद्देश करें। उसके बाद ग्यारहवें-बारहवें उद्देशक एवं पंचम अध्ययन की अनुज्ञा करें। एक काल का ग्रहण और आयंबिल तप करें। शेष क्रियाएँ आठ-आठ बार करें।
उनतीसवें दिन योगवाही षष्ठम अध्ययन का उद्देश करें, फिर इसके पहलेदूसरे उद्देशक के उद्देश, समुद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें तथा एक कालग्रहण लें और आयंबिल तप करें। शेष क्रिया सात-सात बार करें।
तीसवें दिन योगवाही षष्ठम अध्ययन के तीसरे-चौथे उद्देशक के उद्देश समुद्देश की क्रिया करें, फिर षष्ठम अध्ययन का समुद्देश करें, फिर तीसरे-चौथे उद्देशक एवं षष्ठम अध्ययन की अनुज्ञा करें। इस दिन एक काल ग्रहण लें और आयंबिल तप करें। शेष सभी क्रियाएँ आठ-आठ बार करें।
इकतीसवें दिन योगवाही सप्तम अध्ययन के उद्देश की क्रिया करें, फिर इसके पहले उद्देशक के उद्देश, समद्देश एवं अनुज्ञा की क्रिया करें। उस दिन एक काल ग्रहण लें और आयंबिल तप करें। शेष सभी क्रियाएँ सात-सात बार करें।