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________________ 206... आगम अध्ययन की मौलिक विधि का शास्त्रीय विश्लेषण 66. बृहत्कल्पभाष्य, 146 की टीका 67. उत्तराध्ययनसूत्र, 29/26,54 68. वही, 29/55 69. वही, 29/56 70. वही, 29/57-59 71. वही, 29/59-61 72. वही, 29/27-29 73. व्यवहारभाष्य, गा. 4338-4341 74. वही, गा. 4671-4672 75. बृहत्कल्पभाष्य, गा. 1163, 1166, 1171 76. व्यवहारभाष्य, गा. 3019 77. (क) स घा नो योग आ भुवत् -ऋग्वेद, 1/5/3 (ख) कदा योगो वाजिनो रासभस्य - वही, 1/34/9 78. अध्यात्म योगाधिगमेन देवं मत्वा धीरो हर्ष-शोकौ जहाति । ___कठोपनिषद्, 1/2/12 79. महाभारत के शान्ति, अनुशासन एवं भीष्म पर्व दृष्टव्य है। 80. स्कन्दपुराण, भा.1, अ. 55 81. भागवतपुराण, 3/28, 11/15 82. जैन योग सिद्धान्त और साधना, पृ. 14 83. वही, पृ. 15 84. जययं विहराहि जोगवं, अणुपाणा पंथा दुरूत्तरा । अणुसासणमेव पक्कम्मे, वीरेहिं सम्मं पवेदियं । __सूत्रकृतांगसूत्र, 1/2/1/गा. 11 85. स्थानांगसूत्र, 10/133 86. वसे गुरुकुले निच्चं, जोगवं उवहाणवं । उत्तराध्ययनसूत्र, 11/14 87. वहणे वहमाणस्स, कंतारं अइवत्तइ । जोए वहमाणस्स, संसारो अइवत्तइ । वही, 27/2
SR No.006245
Book TitleAgam Adhyayan Ki Maulik Vidhi Ka Shastriya Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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