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योगोद्वहन : एक विमर्श ... 205
42. निशीथभाष्य, गा. 1594-97 43. अनुयोगद्वार, सू. 2 की टीका 44. व्यवहारभाष्य, गा. 3034-3037 की टीका
45. तिलकाचार्यसामाचारी, पृ. 41
46. विधिमार्गप्रपा - सानुवाद, पृ. 137-138
47. आचारदिनकर, पृ. 82-83
48. तिलकाचार्य सामाचारी, पत्र 40 पृ. 2
49. विधिमार्गप्रपा, पृ. 139-144
50. आचारदिनकर, पृ. 83-85
51. वही, पृ. 82-85
52. व्यवहारसूत्र, संपा. मधुकरमुनि, 10/22-36
53. व्यवहारभाष्य, गा. 4654-4670
54. व्यवहारसूत्र, 10/22-36 की व्याख्या, पृ. 453 55. वही, 454
56. वही, 455
57. मोक्षमार्ग प्रकाशक, आठवाँ अधिकार
58. दशाश्रुतस्कन्ध हिन्दी गुर्जर टीका, सू. 14, पृ. 25
59. मूलाचार, गा. 277
60. वही, गा. 278-279 की टीका
61. अंतकृतदशा, वर्ग-5
62. वही, वर्ग-8
63. ज्ञाताधर्मकथा सूत्र, 1/16
64. जैन और बौद्ध क्षिक्षुणी संघ, पृ. 91-92
65. नहि प्रज्ञावत्योऽपि स्त्रियो दृष्टिवादं पठन्ति ।
(क) बृहत्कल्पभाष्य, 145 की टीका
तुच्छा गाश्वबहुला चलिंदिया दुब्बला धिईए इति आइसेसज्झयणा, भूयाबाओ य नोत्थीणं ।
(ख) विशेषावश्यकभाष्य, 552 (ग) बृहत्कल्पभाष्य, 146