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सज्जन चिंतन सौरभ
वर्तमान सामाजिक संरचना में
पद एवं सत्ता का बढ़ता अधिमान, शक्ति एवं अधिकारों से बढ़ रहे व्यवधान, Admission स्वं Promotion के लिए बन गया Donation विधान,
इन स्थितियों में आज आम जनता फंस रही है
भ्रष्टाचार, चोरी और घुसखोटी के जाल में, हिंसा, बेईमानी और आतंकवाद के मायाजाल में,
ओसामा, सहाम और हिटलर के तानाशाही जंजाल में,
सेसे समय में वैचारिक उदारता एवं लघुता घौद्धिक उत्कृष्टता स्वं दूरदर्शिता सांस्कृतिक शालीनता एवं सभ्यता
के अभिवर्धन हेतु एक विश्वास किरण...!