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________________ 186...पदारोहण सम्बन्धी विधि रहस्यों की मौलिकता आधुनिक परिप्रेक्ष्य में आचार्य वर्धमानसूरि के अनुसार इस पदस्थापना हेतु वर्ष, मास, दिन आदि की शुद्धि विवाह संस्कार की तरह निम्न रूप से देखनी चाहिए तिथि – तीन दिन का स्पर्श करने वाली तिथि, क्रूर तिथि, दग्धा तिथि, रिक्ता तिथि, अमावस्या, द्वादशी, अष्टमी, षष्ठी को छोड़कर शेष तिथियों में आचार्यपद की स्थापना करें। मास - चातुर्मास, अधिकमास, गुरु या शुक्र अस्त होने वाले मास, मलमास और जन्ममास के अतिरिक्त महीने इस पदस्थापना के लिए शुभ हैं। दिन - मासांत में, संक्रान्ति दिन, उसके दूसरे दिन, ग्रहण वाले दिन तथा उसके बाद एक सप्ताह तक, जन्म, तिथि, वार, नक्षत्र एवं लग्न के दिन को छोड़कर शेष दिन शुभ हैं। इसी तरह भद्रा में, गंडांत में, दुष्ट नक्षत्र- तिथि- वार के योग दिन में, व्यतिपात, वैधृति एवं वर्जित समय में, सूर्य के स्थान में गुरु होने पर और गुरु के स्थान में सूर्य होने पर पदस्थापना न करें। निष्पत्ति- यदि आचार्य पदस्थापना के मुहूर्तादि के सम्बन्ध में ऐतिहासिक दृष्टि से मनन किया जाए तो आगमयुग से विक्रम की 8वीं शती तक के ग्रन्थों में तद्विषयक कुछ भी विवरण प्राप्त नहीं होता है। इसके अनन्तर निर्वाणकलिका, सामाचारी प्रकरण, सुबोधासामाचारी, विधिमार्गप्रपा आदि में इतना निर्देश दिया गया है कि इस पदस्थापना को श्रेष्ठ तिथि, करण, मुहूर्त, नक्षत्र, योग एवं शुभ लग्न में करना चाहिए किन्तु इस विधान सन्दर्भित शुभ नक्षत्र आदि कौन-कौनसे हैं ? इनका कोई सूचन नहीं है। तदनन्तर एक मात्र आचारदिनकर (विक्रम की 15वीं शती) में प्रस्तुत मुहूर्तादि का सामान्य वर्णन देखा जाता है। इस ग्रन्थ में भी आचार्य पदस्थापनाविधि के अन्तर्गत तद्योग्य नक्षत्रादि का ही स्पष्ट उल्लेख है शेष आचार्य पदस्थापना के लग्न में ग्रहों की युति दीक्षा के समान तथा वर्ष, मास, दिन, तिथि आदि की शुद्धि का विचार विवाह के समान करने का निर्देश है। अनुयोगाचार्य का स्वरूप ___जो मुनि सूत्र के अनुसार अर्थ-घटन करने में कुशल-अभ्यस्त हो, उसे अनुयोगाचार्य पद प्रदान करते हैं। कुछ चिन्तकों के अनुसार वाचनाचार्य और उपाध्याय पद के समान अनुयोगाचार्य भी एक पृथक पदव्यवस्था है।
SR No.006244
Book TitlePadarohan Sambandhi Vidhiyo Ki Maulikta Adhunik Pariprekshya Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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