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________________ 80...पदारोहण सम्बन्धी विधि रहस्यों की मौलिकता आधुनिक परिप्रेक्ष्य में ___ सारांश यह है कि गणावच्छेदकपद जैन धर्म में ही मान्य रहा है। पूर्वकाल में इसका गौरवपूर्ण स्थान था। उपलब्ध प्रमाणों के अनुसार विक्रम की 10वीं-11वीं शती पर्यन्त यह पद प्रवर्तित था। उससे परवर्ती ग्रन्थों में इस विधि का अभाव है। उपसंहार जैन विचारणा में गणावच्छेदक का अद्वितीय महत्त्व रहा है। गणावच्छेदक की उपादेयता क्या हो सकती है ? यदि इस सम्बन्ध में मनन करें तो विविध दृष्टियों से इसकी आवश्यकता सिद्ध होती है। सामान्यत: गणावच्छेदक गण-सम्बन्धी अनेक कर्तव्यों को पूर्ण करके आचार्य को बहुत-सी चिन्ताओं से मुक्त रखता है। यद्यपि अनुशासन का पूर्ण उत्तरदायित्व आचार्य का होता है तथापि व्यवस्था एवं कार्य-संचालन का उत्तरदायित्व गणावच्छेदक का होता है, अत: इनकी दीक्षा पर्याय कम से कम आठ वर्ष की होना आवश्यक माना गया है। इसके पीछे मुख्य हार्द यह है कि दीक्षा पर्याय के अनुसार अनुभव आदि में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है, जिससे वह पदस्थ उत्तरदायित्वों को अच्छे से निभाने में सक्षम होता है। बृहद्गच्छ में रहते हुए उपाश्रय या स्थान विशेष, जहाँ कुछ समय प्रवास या वर्षावास करना हो अथवा वृद्ध भिक्षु को नित्यवास करना हो, तो साधु सामाचारी के अनुसार आचार्यादि ज्येष्ठ साधुओं के पहुंचने से पूर्व निर्दोष स्थान की प्रेक्षा कर ली जानी चाहिए, ताकि उन्हें विलम्बित न होना पड़े। साथ ही गच्छबद्ध साधुओं के स्वाध्याय आदि का क्रम भी सुचारू रूप से सम्पन्न हो सके। इस कार्य के लिए योग्य व्यक्तियों में गणावच्छेदक को भेजने का प्रावधान है, क्योंकि वह स्थानीय सभी तरह की परिस्थितियों का सम्यक अवलोकन कर रूकने का निर्णय ले सकता है। बृहत्कल्पभाष्य में छ: मुनियों को क्षेत्र-प्रेक्षा के अयोग्य कहा गया है1. वैयावृत्य करने वाला 2. बाल 3. वृद्ध 4. क्षपक 5. योगवाही और 6. अगीतार्थ • यदि गणावच्छेदक मुनि का अभाव हो तो अगीतार्थ, योगवाही आदि मुनियों को पश्चात क्रम से क्षेत्र प्रेक्षा हेतु भेजना चाहिए। इन्हें भेजने में भी पूर्व वर्णित विधि का पालन आवश्यक है।
SR No.006244
Book TitlePadarohan Sambandhi Vidhiyo Ki Maulikta Adhunik Pariprekshya Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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