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138... जैन मुनि की आहार संहिता का समीक्षात्मक अध्ययन
6. ज्वरित- जो एकान्तर बुखार आदि से ग्रसित हो । 7. अन्या- जो नेत्रहीन हो ।
8. कोढ़ी - जिसके शरीर से व्रण झर रहे हो, ऐसे कुष्ठ रोग से ग्रसित
व्यक्ति।
9. खड़ाऊ पहना हुआ - जो लकड़ी की खड़ाऊ (पाद त्राण) पहना हुआ हो। 10. बंधन युक्त- जिसके हाथ हथकड़ी आदि से बंधे हुए हों। 11. बंधन बद्ध - जिसके पाँव बेड़ियों से बंधे हुए हों। 12. लूला-लंगड़ा- जिसके हाथ और पाँव कटे हुए हों। 13. नपुंसक - जो पुरुष एवं स्त्री चिह्न से पृथक हो । 14. गर्भिणी - गर्भवती स्त्री हो ।
15. बालवत्सा- जो बालक को भूमि, खटिया आदि पर सुला रही हो अथवा स्तनपान करा रही हो ।
16. भोजन करती - जो स्त्री भोजन कर रही हो ।
17. मथती - दही का मंथन कर रही हो ।
18. भूंजती - चने आदि भुन रही हो । 19. दलती - गेहूँ आदि पीस रही हो । 20. खांडती - ऊखल में चावल आदि कूट रही हो । 21. पीसती - शिला पर तिल आदि पीस रही हो । 22. पींजती- रुई पींज रही हो ।
23. लोढ़ती - रुई और कपास अलग कर रही हो । 24. कातती - सूत कात रही हो ।
25. अलग करती - जो चरखा चला रही हो ।
26-30. छह काय के जीवों का संघट्टा कर रही हो जैसे
26. पृथ्वी, जल, वनस्पति आदि षड्जीव कायिक वस्तुएँ हाथ में ग्रहण की हो
27. सचित्त लवण आदि षट् जीवकाय से युक्त पदार्थ को साधु के लिए नीचे रख रही हो।
28. छह काया से युक्त वस्तुओं पर अपने पाँव चला रही हो ।
29. पृथ्वी, जल आदि छह काया का शरीर से स्पर्श कर रही हो ।