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Ix...जैन मुनि की आचार संहिता का सर्वाङ्गीण अध्ययन 13. साम्भोगिक मुनि के लिए विहार सम्बन्धी कृत्य 14. गमनयोग में अपेक्षित सावधानियाँ 15. एकाकी विचरण के दोष 16. गीतार्थ मुनि द्वारा एकाकी विहार के हेतु 17. विहार क्षेत्र की मर्यादा 18. विहार हेतु कुछ निषिद्ध स्थान 19. रात्रिकाल में विहार निषेध के कारण 20. वर्षाकाल में विहार का निषेध क्यों? 21. तुलनात्मक विवेचन 22. उपसंहार। अध्याय-14: स्थंडिल गमन सम्बन्धी विधि-नियम 342-374 ___ 1. स्थंडिल के विभिन्न अर्थ 2. स्थंडिल भूमि के प्रकार 3. स्थंडिल भूमि के 1024 विकल्प कैसे? 4. 1024 विकल्पों का कोष्ठक 5. स्थंडिल भूमि के अन्य प्रकार • आपात स्वपक्ष युक्त स्थंडिल भूमि • आपात परपक्ष युक्त स्थंडिल भूमि • संलोक युक्त स्थंडिल भूमि।।
6. अशुद्ध स्थंडिल भूमि के दोष • स्वपक्ष आपात (आवागमन) वाली स्थंडिल भूमि में लगने वाले दोष • परपक्ष आपातवाली स्थंडिल भूमि में लगने वाले दोष • तिर्यञ्च जीवों के आपातवाली स्थंडिल भूमि में लगने वाले दोष • संलोक वाली स्थंडिल भूमि में लगने वाले दोष • औपघातिक स्थंडिल भूमि के दोष • विषम भूमि के दोष • शुषिर भूमि के दोष • चिरकालकृत भूमि के दोष • अविस्तीर्ण भूमि के दोष • अदूरावगाढ़ भूमि के दोष • आसन्न भूमि के दोष • बिलवाली भूमि के दोष • जीवयुक्त भूमि के दोष।
7. विविध सन्दर्भो में स्थंडिल विधि की उपयोगिता 8. स्थंडिल गमन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि 9. स्थंडिल गमन (मलोत्सर्ग) का काल 10. स्थंडिल गमन की औत्सर्गिक एवं आपवादिक विधि 11. स्थंडिल भूमि के कृत्य 12. स्थंडिल भूमि से लौटने के बाद की विधि 13. चौबीस मांडला विधि 14. तुलनात्मक विवेचन 15. उपसंहार। अध्याय-15: महापरिष्ठापनिका (अंतिम संस्कार) सम्बन्धी विधि-नियम
375-398 1. महापरिष्ठापनिका शब्द का अर्थ घटन 2. महापरिष्ठापनिका की शास्त्रीय विधि 3. मुनियों की संख्या के अनुसार शव परिष्ठापन विधि 4. मृतक के पात्र आदि की विधि 5. तुलनात्मक विवेचन 6. उपसंहार। सहायक ग्रन्थ सूची
399-406