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जैन मुनि की आचार संहिता का सर्वाङ्गीण अध्ययन...ivil के माप एवं प्रयोजन 6. साध्वियों की उपधि का परिमाण एवं प्रयोजन 7. औपग्रहिक उपधि के प्रकार, माप एवं प्रयोजन 8. प्रतिलेखन-पिच्छीरजोहरण एक विमर्श 9. कौनसी उपधि कितनी संख्या में? 10. उपकरणों का ऐतिहासिक विकास क्रम 11. तुलनात्मक विवेचन 12. उपसंहार। अध्याय-6 : प्रतिलेखना एवं प्रमार्जना सम्बन्धी विधि-नियम
158-214 1. प्रतिलेखना एवं प्रमार्जना का अर्थ विश्लेषण 2. प्रतिलेखना के नामान्तर 3. वस्त्र प्रतिलेखना विधि • वस्त्र प्रतिलेखना कितनी बार? . किस वस्त्र की प्रतिलेखना कितनी बार? . किसकी प्रतिलेखना किससे? • किस वस्त्रोपकरण की कितनी बार प्रतिलेखना? • वस्त्र प्रतिलेखना विधि।
4. पात्र प्रतिलेखना विधि • पात्र प्रतिलेखना का क्रम • पात्र प्रतिलेखना कितनी बार? • किस पात्रोपकरण की प्रतिलेखना कितने बोलपूर्वक? • किस पात्र की प्रतिलेखना किससे? • आहारार्थ जाने से पूर्व पात्र का प्रतिलेखन क्यों? • पात्र प्रतिलेखन विधि • उपधि और पात्र के सम्बन्ध में विशेष विचार। _____5. आवश्यक उपकरण प्रतिलेखना विधि • रजोहरण प्रतिलेखना • डंडा प्रतिलेखना • दंडासन प्रतिलेखना • काष्ठासन प्रतिलेखना • कांबली-चद्दरसंस्तारक आदि की प्रतिलेखना • वस्त्र प्रतिलेखना सम्बन्धी सावधानियाँ • प्रतिलेखना के विकल्प • प्रतिलेखना के दोष • अविधि या प्रमाद प्रतिलेखना से हानि • प्रतिलेखक मुनि के प्रकार एवं क्रम • वस्त्र प्रतिलेखना का काल।
6. स्थापनाचार्य प्रतिलेखना विधि 7. वसति प्रमार्जन विधि • वसति प्रमार्जन किससे? • वसति प्रमार्जन का अधिकारी कौन? • वसति प्रमार्जना की मूल विधि • वसति प्रमार्जन कब और कितनी बार? • वसति प्रमार्जन न करने से लगने वाले दोष।
8. प्रभातकालीन प्रतिलेखना विधि 9. सायंकालीन प्रतिलेखना विधि 10. प्रतिलेखना के आवश्यक नियम 11. प्रतिलेखना सम्बन्धी विधि-विधानों के रहस्य • शरीर प्रतिलेखना के मुख्य ध्येय? • मुखवस्त्रिका प्रतिलेखन का विधान क्यों? • वस्त्र प्रतिलेखना क्यों की जाए? • रजोहरण प्रतिलेखना के आवश्यक कारण? • स्थापनाचार्य प्रतिलेखना के विविध दृष्टिकोण? • पात्र सम्बन्धी वस्त्रों