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________________ विहारचर्या सम्बन्धी विधि-नियम...321 हो, युवा मनस्वी हो, अपेक्षा रहित हो, शीतादि परीषहों को सहन करने वाला हो, जिसके पास संयम यात्रा का निर्वाह करने हेतु अपेक्षित उपकरण हो एवं गुर्वाज्ञा परायण हो वह सदैव विहार करने के लिए योग्य होता है। इन गुणों से सर्वथा रहित साधु विहार के लिए अयोग्य होता है।29 यहाँ विहार के संदर्भ में मुनि के लिए जो आवश्यक लक्षण बतलाये गये हैं संभवत: वे समुदाय ज्येष्ठ साधु की अपेक्षा से हैं क्योंकि मुख्य साधु सर्वगुणसम्पन्न हों, तो सहवर्ती मुनियों की यात्रा निर्बाध होती है। यदि मुख्य (ज्येष्ठ) साधु अपेक्षित गुणों से युक्त न हों, तो समुदाय में किसी तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यदि ज्येष्ठ साधु का क्षयोपशम न्यून हो तो सहवर्ती अन्य साधु निश्चित रूप से योग्य होने चाहिए। एकल विहार के योग्य कौन? श्वेताम्बर परम्परा के स्थानांगसूत्र में एकलविहारी मुनि के आठ मानदण्ड उल्लिखित हैं___ 1. श्रद्धावान 2. सत्यवान 3. मेधावी 4. बहुश्रुतत्व 5. शक्तिमान (तप, सत्त्व, सूत्र, एकत्व और बल- इन पांच में स्वयं को तोलने वाला), 6. अल्पाधिकरण-अकलहत्व 7. धृतिमान और 8. वीर्यसम्पन्नता- ये आठ योग्यताएँ एकाकी विहार हेतु अनिवार्य हैं।30 कदाचित ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाये कि सामान्य श्रमण को संयमनिष्ठ साधुओं का योग प्राप्त न हो, तब वह संयमहीन के साथ न रहकर एकाकी रह सकता है। इसी मत का समर्थन करते हुए दशवैकालिकसूत्र में कहा गया है कि यदि अपने से अधिक गुणी अथवा समान गुण वाले साधु का योग न मिले तो पापकर्मों का वर्जन करते हुए एवं काम भोगों में अनासक्त रहकर अकेला ही विचरण करे।31 यह आपवादिक नियम सामान्य श्रमण के लिए समझना चाहिए, क्योंकि एकाकी विहार प्रत्येक मुनि के लिए विहित नहीं है। जिसका ज्ञान समृद्ध हो, शारीरिक संहनन सुदृढ़ हो, सत्त्व बलादि गुणों से परिपूर्ण हो वह भी आचार्य की अनुमति प्राप्त करके ही एकल विहारी प्रतिमा स्वीकार कर सकता है। दिगम्बर आम्नाय के प्रसिद्ध मूलाचार आदि ग्रन्थों के निर्देशानुसार जो दीर्घकाल से दीक्षित है, प्रकृष्ट ज्ञान, उत्तम संहनन एवं प्रशस्त भावना से युक्त
SR No.006242
Book TitleJain Muni Ki Aachar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & D000
File Size32 MB
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