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________________ संस्तारक ग्रहण सम्बन्धी विधि-नियम...269 प्रतिलेखना करनी चाहिये तथा उपयोग में आने वाले पाट आदि उपकरणों को सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिये, अन्यथा पूर्व की भाँति अनेक तरह के दोष लग सकते हैं। ___ इन निर्देशों का मुख्य उद्देश्य चारित्र धर्म की वृद्धि, अधिकृत नियमों के प्रति सजगता एवं संस्तारक दाताओं के सम्बन्ध में विश्वास की परम्परा को अक्षुण्ण बनाये रखना है। संस्तारक प्रत्यर्पण विधि __ आगम उल्लेखानुसार साधु-साध्वी को गृहस्थ के यहाँ से संस्तारक आदि कई वस्तुएँ प्रतिहारिक रूप में अर्थात पुन: लौटाने की शर्त पर लानी पड़ती है। जब उन वस्तुओं का प्रयोजन पूर्ण हो जाये तो उन्हें पुन: गृहस्थ को सौंपना आवश्यक है। ___ संस्तारक आदि वस्तुएँ गृहस्थ को किस विधिपूर्वक लौटानी चाहिये? आचारचूला में इस सम्बन्ध में दो सूचनाएं दी गई हैं। पहली सूचना यह है कि साधु-साध्वी लाया हुआ संस्तारक दाता को वापस लौटाना चाहें तो उस समय यह निरीक्षण करें कि पाट आदि के किसी कोने में मकड़ी के जाले या अण्डे आदि तो नहीं हैं? यदि दिखायी पड़ जाये तो प्रतिलेखन-प्रमार्जन द्वारा उन्हें दूर करके सुपुर्द करें। सामान्यतया साधु-साध्वी का यह आचार है कि वे अपनी अधिकृत वस्तुओं का प्रतिदिन प्रतिलेखन करें चाहे वे प्रतिहारिक हो या अप्रतिहारिक। फिर भी संयोगवश जीव-जन्तु उस संस्तारक पर चढ़ सकते हैं या जन्तुओं के अण्डे उसमें हो सकते हैं। इसलिए गृहस्थ को वापस सौंपते समय वह वस्तु भली भाँति देख ली जानी चाहिये। इस संदर्भ में दूसरा निर्देश यह है कि साधु-साध्वी गृहस्थ के यहाँ से जो सामग्री पुन: लौटाने की शर्त पर मांगकर लावें, उन्हें लौटाने तक सही स्थिति में रखें। उन्हें जैसी-तैसी स्थिति में वापस न करें।14 उक्त दोनों निर्देश अहिंसा, संयम और उनके उपयोग में जागरूक रहने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर दिए गये हैं। यदि संस्तारक का भलीभाँति निरीक्षण न करके उसे यों ही वापस कर दिया जाये तो जीव विराधना संभावित है तथा यदि ली हुई वस्तु को साफ-सुथरी और ठीक हालत में न लौटाई जाये तो साधुसाध्वी की गृहस्थ पर अच्छी छाप नहीं पड़ती है। इससे अन्य साधुओं के लिए
SR No.006242
Book TitleJain Muni Ki Aachar Samhita Ka Sarvangin Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & D000
File Size32 MB
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