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Ix... जैन मुनि के व्रतारोपण की त्रैकालिक उपयोगिता नव्य युग के......
के अपवाद • सत्य महाव्रत की भावनाएँ • सत्य महाव्रत के अतिचार
(iii) अचौर्य महाव्रत का स्वरूप चोरी का अर्थ एवं उसके प्रकार • अचौर्य महाव्रत का माहात्म्य • अचौर्य महाव्रत की उपयोगिता • अस्तेय महाव्रत के अपवाद • अचौर्य महाव्रत की भावनाएँ • अचौर्य महाव्रत के अतिचार
(iv) ब्रह्मचर्य महाव्रत का स्वरूप • ब्रह्मचर्य का सामान्य एवं विशिष्ट अर्थ • ब्रह्मचर्य व्रत की महिमा • ब्रह्मचर्य महाव्रत की सुरक्षा के उपाय • ब्रह्मचर्य के विघातक तत्त्व • ब्रह्मचर्य के सहायक तत्त्व • ब्रह्मचर्य की आराधना का फल • ब्रह्मचर्य महाव्रत की उपादेयता • ब्रह्मचर्य व्रत के अपवाद • ब्रह्मचर्य महाव्रत की भावनाएँ • ब्रह्मचर्य महाव्रत के अतिचार
(v) अपरिग्रह महाव्रत का स्वरूप • परिग्रह के प्रकार • अपरिग्रह महाव्रत की आराधना का फल • अपरिग्रह महाव्रत की उपादेयता • अपरिग्रह महाव्रत की भावनाएँ • अपरिग्रह महाव्रत के अतिचार
(vi) रात्रिभोजन-विरमणव्रत का स्वरूप • रात्रिभोजन विरमण व्रत की उपादेयता • आगम एवं आगमिक व्याख्या ग्रन्थों की दृष्टि से • प्राचीन एवं अर्वाचीन ग्रन्थों की दृष्टि से • जैनेतर ग्रन्थों की दृष्टि से • आध्यात्मिक लाभ की दृष्टि से • यौगिक विकास की दृष्टि से • अहिंसा लाभ की दृष्टि से • वैज्ञानिक दृष्टिकोण से • प्रकृति और पर्यावरण की दृष्टि से पारिवारिक लाभ की दृष्टि से • स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से • चिकित्सा की दृष्टि से • रात्रि में भोजन पकाने सम्बन्धी दोष • रात्रि में खाने सम्बन्धी दोष • सर्वसामान्य दृष्टि से।
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19. उपस्थापना व्रतारोपण विधि का ऐतिहासिक विकास क्रम 20. उपस्थापना योग्य शिष्य की परीक्षा विधि 21. उपस्थापना की मौलिक विधि 22. उपस्थापना व्रतारोपण सम्बन्धी विधि-विधानों के रहस्य • दिग्बन्ध क्यों ? गजदन्त मुद्रा में महाव्रतों का स्वीकार क्यों किया जाए? 23. आधुनिक परिप्रेक्ष्य में उपस्थापना संस्कार की प्रासंगिकता 24. तुलनात्मक अध्ययन 25. उपसंहार। सहायक ग्रन्थ सूची
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