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viii...जैन मुनि के व्रतारोपण की त्रैकालिक उपयोगिता नव्य युग के..... • दीक्षा अयोग्य नपुंसक 8. नपुंसक को दीक्षा क्यों नहीं? 9. दीक्षा अयोग्य विकलांग 10. प्रव्रज्या ग्रहण के विभिन्न कारण 11. बाल दीक्षा की प्रासंगिकता कितनी और क्यों? • बाल दीक्षा शास्त्रीय सम्मत कैसे? • बाल दीक्षा के सम्बन्ध में पूर्व और उत्तरपक्ष • बाल दीक्षा की उपादेयता।
12. मुनि दीक्षा के उपदेश की प्राथमिकता क्यों? 13. दीक्षार्थी की शुभाशुभ गति जानने के उपाय 14. दीक्षार्थी की योग्यता-अयोग्यता के निर्णय की विधि 15. दीक्षित को संयम पर्याय के अनुसार सुखानुभूति 16. आधुनिक परिप्रेक्ष्य में दीक्षा संस्कार की उपयोगिता 17. दीक्षा के लाभ 18. दीक्षा के लिए अनुमति आवश्यक क्यों? 19. दीक्षा के योग्य शुभ दिन 20. दीक्षा दिन की आवश्यक सामग्री 21. दीक्षार्थी साधु के उपकरण 22. दीक्षार्थी साध्वी के उपकरण 23. दीक्षा (संन्यास) अवधारणा की ऐतिहासिक विकास-यात्रा 24. जैन परम्पराओं में प्रचलित दीक्षा विधि • दीक्षा दिन से पूर्व दिन की विधि • दीक्षा दिन की विधि 25. दीक्षा सम्बन्धी विधि-विधानों के रहस्य • रजोहरण का उपयोग किसलिए? • चोटीग्रहण क्यों? . वेश परिवर्तन की आवश्यकता किस दृष्टि से? • नया नामकरण क्यों किया जाए? • आत्मरक्षा का विधान किसलिए? • समवशरण की पूजा क्यों करें? • दीक्षाअनुष्ठान करना आवश्यक क्यों? • प्रदक्षिणा क्यों दी जाए? • 'नमो खमासमणाणं हत्थेणं' वाक्य का प्रयोग किस अभिप्राय से? • तीन बार चोटी ग्रहण क्यों? • ओढी में पान एवं पूंगीफल (सुपारी) का निक्षेप क्यों? • ओढ़ी के दोनों ओर तलवार किस प्रयोजन से रखी जाए? • दीक्षामण्डप में परिवारजनों की अनुमति आवश्यक क्यों? • अनामिका अंगुली एवं मुखवस्त्रिका का परस्पर संबंध 26. तुलनात्मक अध्ययन 27. उपसंहार। अध्याय-5 : मण्डली तप विधि की तात्त्विक विमर्शना 125-140 _1. मण्डली का अर्थ एवं उसके प्रकार 2. मण्डली तप की आवश्यकता कब से और क्यों? 3. विविध सन्दर्भो में मण्डली तपोनुष्ठान की प्रासंगिकता 4. मण्डली योगतप विधि 5. तुलनात्मक विवेचन 6. उपसंहार।