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140...जैन मुनि के व्रतारोपण की त्रैकालिक उपयोगिता
3. सुत्ते अत्थे भोयण काले, आवस्सए य सज्झाए। संथारे चेव तहा, सत्तेया मंडली जइणो।।
प्रवचनसारोद्धार, 87/692 4. सुत्ते अत्थे भोयण काले, आवस्सए य सज्झाए। संथारए य मंडलि, अंबिलए सत्ततो कुणइ।।
तिलकाचार्यसामाचारी, पृ. 26 5. सुत्ते अत्थे भोयण काले, आवस्सए य सज्झाए। संथारएवि य तहा, सत्तेया मंडली हुति।।
सुबोधासामाचारी, पृ. 15 6. सामाचारीप्रकरण, पृ. 16 7. विधिमार्गप्रपा-सानुवाद, पृ. 109 8. आचारदिनकर, पृ. 88 9. प्रवचनसारोद्धार, 87/692 10. तिलकाचार्यसामाचारी, पृ. 26 11. सुबोधासामाचारी, पृ. 15