SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 529
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रयुक्त ग्रन्थ सूची ...463 1966 | क्र. ग्रन्थ का नाम लेखक/संपादक प्रकाशक |78. धर्मसंग्रह (भा.1-3) गणि मानविजय निर्ग्रन्थ साहित्य 1994 प्रकाशन, हस्तिनापुर 79. नवतत्त्वप्रकरण(सार्थ) जैनश्रेयस्कर मंडल, वि.सं. महेसाणा 2037 80. नंदीसूत्र संपा. मधुकरमुनि |आगमप्रकाशन समिति, |1991 ब्यावर 81. नन्दीचर्णि मुनि पुण्यविजय प्राकृत टेक्स्ट (जिनदासमहत्तर) |सासायटी, बनारस 82. नन्दीटीका आ. हरिभद्रसूरि ऋषभदेवकेशरीमल |1984 |संस्था, रतलाम 83. नन्दी वृत्ति आ. मलयगिरि आगमोदय समिति, वि.सं. मुंबई 1980 84. नियुक्तिपंचक आ. महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं |1999 85. नियुक्तिसंग्रह विजयजिनेन्द्रसूरि हर्षपुष्पामृत जैन | ग्रन्थमाला, लाखावाबल शान्तिपुरी(सौराष्ट्र) 86. निशीथसूत्र सं. मधुकरमुनि आगमप्रकाशन समिति, 1991 ब्यावर 87. निशीथसूत्र(भा.1-4) |सं. अमरमुनि अमर पब्लिकेशन, |2005 | वाराणसी 88. नियमसार आ. कुन्दकुन्द पं. टोडरमल स्मारक 1984 ट्रस्ट, जयपुर 89. पधारो पौषध करीये संपा. विजयसिंह सेन वि.सं. |2058 |90. पद्मपुराण (भा.1-2) आचार्य रविषेण भारतीय ज्ञानपीठ, नई 2000 दिल्ली 1989
SR No.006240
Book TitleJain Gruhastha Ke Vrataropan Sambandhi Vidhi Vidhano ka Prasangik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, C000, & C999
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy