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सम्यक्त्वव्रतारोपण विधि का मौलिक अध्ययन ...131
52. योगशास्त्र, 2/15 53. उत्तराध्ययनसूत्र-एक दार्शनिक अनुशीलन, पृ.-308 54. उपदेशप्रसादवृत्ति, भा.-1, पृ.-408-450 55. श्रावकप्रज्ञप्ति, गा.-53-59 56. उपासकदशासूत्र, 1/8 57. आवश्यकसूत्र, 6, पृ.-810 58. (क) दर्शनपाहुड (अष्टपाहुड ), गा. 5 की टीका
(ख) रत्नकरण्डकश्रावकाचार, गा-22-27, पृ.-37-58 59. तत्त्वार्थसूत्र, 1/1 60. 'दसण मूलो धम्मो' अष्टपाहुड, गा. 2 61. वही, गाथा 2 का भावार्थ 62. दंसण भट्टा भट्टा दंसण, भट्टस्स णत्थि णिव्वाणं। सिझंति चरियभट्टा, दंसण भट्टा ण सिझंति।।
वही, गा. 3 63. नन्दीसूत्र, 1/12 64. उत्तराध्ययनसूत्र, 28/30 65. आचारांगसूत्र, मधुकरमुनि, 1/3/2/4 66. तम्हा कम्माणो अं जेउमणो, दंसणम्मि पजइज्जा । दंसणवओ हि सफलाणि, हुंति तवनाणचरणाई ।
आचारांगनियुक्ति, गा.-221 67. जे या बुद्धा महाभागा, वीरा असमत्तदंसिणो।
असुद्धं तेसिं परक्कंतं, सफलं होइ सव्वसो । जे या बुद्धा महाभागा, वीरा समत्तदंसिणो । सुद्धं तेसिं परक्कंतं, अफलं होइ सव्वसो॥
सूत्रकृतांगसूत्र, मधुकरमुनि, 8/22,23 68. रत्नकरण्डक श्रावकाचार, गा. 28 की टीका 69. भावपाहुड, गा.-43 70. वही, गा. 44 71. वही, गा. 46