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जैन गृहस्थ के सोलह संस्कारों का तुलनात्मक अध्ययन ...lii का अधिकारी • षष्ठी संस्कार के लिए मुहूर्त्त विचार • षष्ठी संस्कार हेतु श्रेष्ठ काल • षष्ठी संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री• विभिन्न ग्रन्थों में षष्ठी संस्कार विधि • षष्ठी संस्कार विधि का तुलनात्मक विश्लेषण • उपसंहार • सन्दर्भसूची। अध्याय-8 : शुचिकर्म संस्कार विधि का ऐतिहासिक स्वरूप
112-120 • शुचिकर्म संस्कार का अर्थपरक विश्लेषण • शुचिकर्म संस्कार की लौकिक आवश्यकता • शुचिकर्म संस्कार करने के शास्त्र निर्दिष्ट अधिकारी • शुचिकर्म संस्कार योग्य मुहूर्त-विचार • शुचिकर्म संस्कार विषयक काल विमर्श • शुचिकर्म संस्कार संपादन में उपयोगी सामग्री • भारतीय साहित्य में वर्णित शुचिकर्म संस्कार विधि • तुलनात्मक दृष्टि से शुचिकर्म संस्कार की महत्ता • उपसंहार संदर्भ-सूची। अध्याय-9 : नामकरण संस्कार विधि का प्रचलित स्वरूप
121-134 . नामकरण संस्कार का व्यापक पारिभाषिक निरूपण . नामकरण संस्कार की त्रैकालिक आवश्यकता • नामकरण संस्कार का प्रयोजन • नामकरण संस्कार करने का अधिकारी • नामकरण संस्कार के लिए मुहूर्तादि का विचार • नामकरण संस्कार हेतु वर्णित सुयोग्य काल • नामकरण संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री • नामकरण संस्कार विधि का शास्त्रीय स्वरूप • तुलनात्मक दृष्टि से नामकरण संस्कार के विविध पक्ष • उपसंहार • सन्दर्भसूची। अध्याय-10 : अन्नप्राशन संस्कार विधि का प्रायोगिक स्वरूप
135-148 • अन्नप्राशन संस्कार का शाब्दिक अर्थ • अन्नप्राशन संस्कार की मौलिक आवश्यकता • अन्नप्राशन संस्कार करने का प्राथमिक अधिकारी • अन्नप्राशन संस्कार सम्बन्धी शुभमुहूर्त विषयक उल्लेख • अन्नप्राशन संस्कार हेतु उपयुक्त काल • अन्नप्राशन संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री • भारतीय साहित्य में अन्नप्राशन संस्कार विधि • अन्नप्राशन संस्कार के सारगर्भित प्रयोजन