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विषयानुक्रमणिका अध्याय-1 : संस्कारों का मूल्य और उनकी अर्थवत्ता 1-45
• संस्कार शब्द की आर्थिक मौलिकता • संस्कार का पारिभाषिक स्वरूप • संस्कार और संस्कृति का तात्विक सम्बन्ध • संस्कारों के मुख्य प्रकार • सुसंस्कारों की उपयोगिता . वर्तमान परिप्रेक्ष्य में संस्कारों की प्रासंगिकता • संस्कारों की पृष्ठभूमि में रहे वैज्ञानिक तथ्य . मानसिक चिकित्सा द्रष्टि से संस्कारों का मूल्य • संस्कारों के मूलभूत प्रयोजन • विभिन्न क्षेत्रों में संस्कारों का महत्त्व . संस्कार आरोपण के मार्मिक उद्देश्य . संस्कार-आरोपण की आवश्यकता क्यों • संस्कारों के नाम एवं संख्या क्रम विषयक पारस्परिक मतभेद • जैनागमों में संस्कारों की विकास यात्रा • संदर्भ-सूची । अध्याय-2 : गर्भाधान संस्कार विधि का मौलिक स्वरूप 46-60
• गर्भाधान संस्कार का शाब्दिक अर्थ • विविध परिप्रेक्ष्यों में गर्भाधान संस्कार की आवश्यकता • संस्कारों का प्रारम्भ गर्भाधान से क्यों? • गर्भाधान संस्कार करवाने का अधिकारी • गर्भाधान संस्कार हेतु शुभ मुहूर्त विचार • गर्भाधान हेतु काल विचार • गर्भाधान संस्कार में प्रयुक्त सामग्री • गर्भाधान संस्कार विधि . गर्भाधान संस्कार सम्बन्धी विधि-विधानों के प्रयोजन . गर्भाधान संस्कार का तुलनात्मक विवेचन • उपसंहार • संदर्भ-सूची। अध्याय-3 : पुंसवन संस्कार विधि का सामान्य स्वरूप 61-72 • • भारतीय वांगमय में पुंसवन संस्कार का अर्थ • पुंसवन संस्कार की आवश्यकता वैधानिक संदर्भो में • शास्त्रीय दृष्टि से पुंसवन संस्कार करवाने का अधिकारी • पुंसवन संस्कार सम्बन्धी मुहूर्त विचार • पुंसवन संस्कार हेतु काल विचार • पुंसवन संस्कार में उपयोगी सामग्री • पुंसवन संस्कार में अपेक्षित सावधानियाँ • पुंसवन संस्कार की उपदिष्ट विधि • पुंसवन संस्कार संबंधी विधि-विधानों के रहस्यात्मक प्रयोजन • पुंसवन संस्कार का तुलनात्मक विश्लेषण • उपसंहार • संदर्भ-सूची।
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