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________________ 280... जैन गृहस्थ के सोलह संस्कारों का तुलनात्मक अध्ययन अनेक रीति-रिवाज किए जाते हैं, वे अपनी परम्परा के आधार पर समझने योग्य हैं। दिगम्बर- दिगम्बर परम्परा में विवाह संस्कार की यह विधि उल्लेखित है- विवाह के दिन प्रातः काल में वर और कन्या अपने-अपने जिनालय में जाकर शुभ मुहूर्त में विनायकयन्त्र की पूजा करें। 53 फिर घर आकर गृहस्थाचार्य से कंकणबंधन करवाएं। यह कंकणबंधन कन्या के बाएं हाथ में और वर के दाएं हाथ में किया जाए। कन्या के कंकण में पाँच और वर के कंकण में सात गाँठ लगाएं। कंकण बांधने का मन्त्र यह है जिनेन्द्र गुरु पूजनम् श्रुतवचः सदा धारणम् । स्वशीलयमरक्षणं ददन सत्तपोवृहंणम् ।। इति प्रथितषट्क्रिया, निरतिचारमास्तां तवे । त्यथ प्रथितकर्मणि विहित रक्षिकाबंधनम् ।। दिगम्बर-परम्परानुसार विवाह के पूर्व टीका के अवसर पर कन्यापक्ष की ओर से वर के लिए वस्त्र एवं अंगूठी तथा विवाह- मुहूर्त्त लिखा हुआ मांगलिक लग्नपत्र पंचों के समक्ष भेजा जाता है। वह वर को पट्ट पर बिठाकर फल व पुष्पमाला सहित उसके गोद में दिया जाता है । यदि आवश्यकता हो, तो विवाह के सात या पाँच दिन पूर्व विवाह - मण्डल तैयार किया जाता है । इसे स्तंभारोपण कहते हैं। यह विधि ज्योतिषी से पूछकर आग्नेय कोण में वर एवं कन्या के गृहांगन में की जाती है। स्तंभारोपण करने के लिए गड्ढा खुदवाते हैं, फिर मंगलकलश एवं यन्त्र-पूजादि पूर्वक स्तंभ आरोपित करते हैं। स्तंभ के ऊपर के हिस्से में लाल वस्त्र में श्रीफल, सुपारी, हल्दी गाँठ, चवन्नी, सरसों, पान, आम के पत्ते, अमरबेल आदि बांधकर लटकाते हैं। वर के यहाँ केवल मण्डप की रचना होती है, जबकि कन्या के यहाँ मण्डप के सिवाय भाँवर(फेरे) के लिए वेदी की रचना भी होती है। वेदी के योग्य स्थान पर चन्दोवा ताना जाता है और कहीं-कहीं मानस्तम्भ व कलश भी स्थापित करते हैं। वेदी बनाने के लिए कम-से-कम चार हाथ की लम्बी-चौड़ी जमीन के आस-पास चारों कोनों में चार कुण्ड रखकर चार-चार बाँस व ऊपर भी कुल चार बाँस लगाकर उन्हें मूंज की रस्सी से बांध देते हैं। बीच में उतना ऊँचा चन्दोवा बांधा जाता हैं, जिसके नीचे वर-कन्या आसानी से खड़े रह सकें।
SR No.006239
Book TitleJain Gruhastha Ke 16 Sanskaro Ka Tulnatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages396
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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