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________________ 52...जैन गृहस्थ के सोलह संस्कारों का तुलनात्मक अध्ययन श्वेताम्बर परम्परा में यह संस्कार गर्भ धारण के पश्चात् पाँचवां मास पूर्ण होने पर किए जाने का निर्देश है।13 दिगम्बर परम्परा में यह संस्कार मासिक धर्म के चतुर्थ दिन, चतुर्थ स्नान से शुद्ध होने पर किए जाने का उल्लेख है। धर्म की दृष्टि से पाँचवें दिन शुभ मुहूर्तादि में करने का वर्णन है।14 वैदिक परम्परा में तत्सम्बन्धी अनेक मत हैं। सामान्यतया, इस बात में सभी धर्म शास्त्रों का एकमत है कि जब पत्नी गर्भधारण के लिए शारीरिक रूप से समर्थ हो, तभी यह संस्कार किया जाना चाहिए, यद्यपि शंखायन गृह्यसूत्र में विवाह की तीन रात के उपरान्त चौथी रात को यह संस्कार करने के लिए कहा गया है।15 मन एवं याज्ञवल्क्यस्मृति में ऋतु धर्म की चौथी रात्रि से लेकर सोलहवीं रात्रि तक का समय गर्भ धारण के लिए उपयुक्त माना गया है।16 गोभिलगृह्यसूत्र के अनुसार जिस दिन अशुद्ध रक्त का प्रवाह रूक जाए, उस दिन गर्भाधान संस्कार कर लेना चाहिए।17 इस प्रकार अनेक मत दृष्टिगत होते हैं। इसके साथ ही वैदिक परम्परा में गर्भाधान संस्कार के लिए रात्रि का काल उचित माना है और दिन के काल का निषेध किया गया है।18 इसका यह कारण भी प्रस्तुत किया गया है कि दिन में संभोग करने वाले पुरुष का प्राण वायु अधिक तेज चलता है अत: यह संस्कार कर्म रात्रि काल में विहित करना चाहिए। गर्भाधान संस्कार में प्रयुक्त सामग्री __श्वेताम्बर परम्परा में इस संस्कार को सम्पन्न करने के लिए निम्न सामग्री आवश्यक मानी गई है अर्थात यह संस्कार करते समय निर्दिष्ट वस्तुओं का होना अनिवार्य है ___ 1. पंचामृतस्नात्र 2. सभी तीर्थों का जल 3. सहस्रमूलचूर्ण 4. दर्भ 5. दो कौसुंभसूत्र 6. द्रव्य-रुपए, पैसे आदि 7. कम से कम पाँच फल 8. पाँच प्रकार का नैवेद्य 9. दो अखंड वस्त्र 10. एक शुभ आसन 11. एक शुभ पट्ट 12. स्वर्ण, ताम्र आदि के पात्र 13. वादिंत्र 14. सौभाग्यवती नारियाँ और गर्भवती का पति 15. संस्कार सम्पन्न कराने वाला गृहस्थ गुरु।19 दिगम्बर एवं वैदिक परम्परा के अनुसार यह संस्कार सम्पन्न करते समय किन-किन व्यक्तियों और वस्तुओं की आवश्यकता होनी चाहिए? इस सम्बन्ध
SR No.006239
Book TitleJain Gruhastha Ke 16 Sanskaro Ka Tulnatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages396
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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