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महाकवि ज्ञानसागर के काव्य-एक अध्ययन
काव्य पढ़ते समय उन सभी से परिचित रहे; और प्रमुख पात्रों का सम्पूर्ण व्यक्तित्व हमारे समक्ष प्रस्तुत हो जाय ।
(ख) कविवर ज्ञानसागर के पात्रों का प्राकलन एवं वर्गीकरण
श्री ज्ञानसागर ने पांच संस्कृत काव्य ग्रन्थों की रचना की है-जयोदय, बोरोदय, सुदर्शनोदय, श्रीसमुद्रदत्त चरित्र प्रौर दयोदय-चम्यू । सर्वप्रथम 'जयोदय' के पात्र आपके समक्ष प्रस्तुत हैं । 'जयोदय' काव्य में कथा को पाठकों तक पहुँचाने वाले पात्रों की संख्या सत्रह हैं। उनका परिचयात्मक रेखाचित्र इस प्रकार है
जयोदय के पात्र
ऋषि वर्ग
राजवर्ग
राजसेवक वर्ग
बन्तर बगं
ऋषिराज ऋषभदेव
हरि
पूरुषपात्र
स्त्रीपात्र
मनवद्यमति दुर्मर्षण सुमुख विद्यादेवी
मंत्री सेवक दूत
पुरुष पात्र
स्त्रीपात्र
जयकुमार |
प्रकम्पन
| अनन्तवीर्य सुलोचना
प्रक्षमाला
प्रकीर्ति
भरत चक्रवर्ती
पुरुषपात्र
स्त्रीपात्र
व्यन्तर देव स्त्रीवेषधारी देव सपिणी
_ 'वीरोदय' में कवि ने जिन पात्रों का अवलम्बन लेकर कथानक को गति प्रदान की है, वे सात प्रकार के हैं । उनका परिचय निम्नलिखित रेखाचित्र से किया जा सकता है