________________
9. महाकाश्यप
ऋषिभाषित108 के नवम अध्याय में महाकाश्यप के उपदेशों का संकलन है। भारत में काश्यप एक प्रसिद्ध गोत्र रहा है। महावीर और ऋषभ को भी काश्यपगोत्रीय बताया गया है। मात्र यही नहीं, सूत्रकृतांग109 में तो महावीर को 'वीरेण कासवेण महेसिना' के रूप में सम्बोधित किया गया है। इसी प्रकार भगवती सत्र110 में पार्श्व की परम्परा के एक काश्यप नामक स्थविर का भी उल्लेख है। अतः यह महाकाश्यप कौन है? यह निर्णय करना कठिन है। उत्तराध्ययन चर्णि111 में कपिल ब्राह्मण के पिता को भी काश्यप कहा गया है। इसी प्रकार अन्तकृत्दशा112 में काश्यप गाथापति का भी उल्लेख मिलता है। किन्तु, मेरी दृष्टि में इनमें से किसी के भी सम्बन्ध ऋषिभाषित के महाकाश्यप से नहीं है। काश्यप के साथ लगा 'महा' विशेषण इस बात को सूचित करता है कि ये कोई विशिष्ट व्यक्ति रहे होंगे।
बौद्ध परम्परा113 में हमें एक विशिष्ट भिक्षु के रूप में महाकाश्यप का उल्लेख मिलता है। इन्हें बुद्ध का अग्रगण्य शिष्य कहा गया है। अतः यह सम्भव है कि ऋषिभाषित के महाकाश्यप बौद्ध परम्परा के महाकाश्यप हों।
हमारी इस सम्भावना को इस आधार पर भी पृष्ट किया जा सकता है कि बौद्ध परम्परा के अन्य दो भिक्षु वज्जीपत्त और सारिपुत्त का उल्लेख भी ऋषिभाषित में उपलब्ध है। अतः यह माना जा सकता है कि ऋषिभाषित के महाकाश्यप बौद्ध परम्परा के महाकाश्यप ही हैं।
ऋषिभाषित में महाकाश्यप के संकलित उपदेशों से इस बात की पुष्टि होती है कि वे बौद्ध परम्परा से सम्बन्धित ऋषि हैं, क्योंकि उनके उपदेशों में एक
ओर संततिवाद की चर्चा है, तो दूसरी ओर निर्वाण की उपमा दीपक के शान्त होने से दी गयी है। ये दोनों तथ्य बौद्ध परम्परा में सुस्पष्ट रूप से प्रचलित रहे हैं।
महाभारत114 में कश्यप नाम के एक प्रसिद्ध मन्त्रवेत्ता ब्राह्मण का उल्लेख मिलता है जो परीक्षित के प्राण बचाने के लिए आ रहे थे, किन्तु इनका सम्बन्ध ऋषिभाषित के महाकाश्यप से नहीं जोड़ा जा सकता। क्योंकि, ऋषिभाषित के महाकाश्यप बुद्ध और महावीर के समकालीन थे, जबकि ये महाभारत कालीन हैं। इसी प्रकार शतपथब्राह्मण115, तैत्तिरीय आरण्यक116 आदि में भी काश्यप का उल्लेख है। किन्तु, वहां यह पैतृक नाम के रूप में ही प्रयुक्त हुआ है अतः इनका सम्बन्ध ऋषिभाषित के काश्यप से नहीं जोड़ा जा सकता। अतः मेरी दृष्टि में ऋषिभाषित के महाकाश्यप बौद्ध परम्परा के ही महाकाश्यप हैं।
54 इसिभासियाई सुत्ताई