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दीवे पातो पतंगस्स, कोसियारिस्स बन्धणं । किंपाकभक्खणं चेव, अण्णाणस्स णिदंसणं ||5||
5. पतंग का दीपक पर गिरना, कोशियार - रेशम के कीड़े का बन्धन और किंपाक फल का भक्षण अज्ञान को ही प्रकट करता है।
5. The self-immolation of moths on a flame, self-cocooning of the silk worm, or consumption of lethal fruit are all instances of ignorance.
बितियं जरो दुपाणत्थं, दिट्ठो अण्णाणमोहितो । सम्भग्गगातलट्ठी उ, मिगारी णिधणं गतो ।।6।।
6. अज्ञान से मोहित वृद्ध सिंह जल में अपनी परछाईं को शत्रु रूप दूसरे सिंह की परछाईं देखकर, समझकर कूद पड़ता है, फलस्वरूप उसकी देहयष्टि (शरीर ) भग्न हो जाती है और वह मृत्यु प्राप्त करता है।
6. The fatuous aged tiger leaps into the lake, deeming its watery image as an adversary and thus casts its life in ignorance. मिगारी य भुयंगो य, अण्णाणेण विमोहिता । गाहादंसणिवातेणं, विणासं दो वि ते गता ।। 7 ।।
7. अज्ञान से विमोहित सिंह और साँप पंजा और दंश के प्रहार से दोनों विनाश को प्राप्त हुए ।
7. It is in ignorance that the serpent and tiger are engaged in a duel, the former stinging the latter and the latter clawing the former, to mutual death.
सुप्पियं तणयं भद्दा, अण्णाणेण विमोहिता ।
माता तस्सेव सोगेण, कुद्धा तं चेव खादति ॥ 8 ॥
8. अज्ञान से विमोहित होकर सुप्रिय नामक पुत्र की माता भद्रा उसी के शोक होकर अपने पुत्र सुप्रिय का भक्षण करती है।
क्रुद्ध
8. It was a mark of utter ignorance that Bhadra in grief of her dead son Supriya devoured his cadaver.
विण्णासो ओसहीणं तु, संजोगाणं व जोयणं । साहणं वा वि विज्जाणं, अण्णाणेण ण सिज्झति ।।१।।
9. अज्ञान के कारण ही औषधियों का विन्यास, संयोजन, मिश्रण और विद्याओं की साधना सफल नहीं होती है।
21. गाथापतिपुत्र तरुण अध्ययन 319