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the five elements. Self does not exist away from those physical elements. Once the five elements (earth, water, fire, air and ether ) are disintegrated, there exists no world.
(3.) से किं तं 'तेणुक्कले' ? तेणुक्कले णामं जेणं अण्णसत्थदिट्ठन्तगाहेहिं सपक्खुब्भावणाणिरए 'मम नेतं' इति परकरुणच्छेदं वदति। सेतं तेणुक्कले ।
3. स्तेनोत्कल किसे कहते हैं ? स्तेनोत्कल उसे कहते हैं जो अन्य शास्त्रों में प्राप्त दृष्टान्त और गाथाओं के माध्यम से अपने पक्ष का प्रकटीकरण अथवा उन्नति करने में व्यस्त रहता है। मेरा कथन ही सत्य है, अन्य नहीं, ऐसी प्ररूपणा करता हुआ दूसरे की करुणा अथवा समभाव का विनाश करता है। ऐसा जो कथन करते हैं उन्हें स्तेनोत्कल कहते हैं।
3. The third school (Stenotkal) culls like ideas and illustrations from sundry scriptures to lend strength to its dogma. They are utterly dogmatic and opinionated in favour of their ideology. They are least considerate in disputations.
(4.) से किं तं 'देसुक्कले' ? देसुक्कले णामं जे णं 'अत्थि न्नेस' इति सिद्धे जीवस्स अकत्तादिएहिं गाहेहिं देसुच्छेयं वदति । से तं देसुक्कले ।
4. देशोत्कल किसे कहते हैं? देशोत्कल उसे कहते हैं जो आत्मा का अस्तित्व प्रमाणित है, ऐसा स्वीकार करते हुए भी आत्मा को अकर्ता आदि कहता हुआ, आत्मा के एक देश का उच्छेद करता है। ऐसी जो मान्यता रखते हैं उन्हें देशोत्कल कहा जाता है।
4. The fourth school (Deshotkal) concedes so far as the existence of soul as an entity is concerned. They treat it as the non-doer and ignore one aspect of the soul.
(5.) से किं तं सव्वुक्कले ? सव्वुक्कले णामं जे णं सव्वतो सव्वसंभवाभावा णो तच्चं, सव्वतो सव्वहा सव्वकालं च णत्थि त्ति सव्वच्छेदं वदति। से तं सव्वुक्कले ।
5. सर्वोत्कल किसे कहते हैं? सर्वोत्कल उसे कहते हैं जो समस्त पदार्थों की सार्थकता को अस्वीकार करता है और प्रतिपादित करता है कि समस्त कालों में पदार्थ की सार्थकता का सर्वथा अभाव है। इस प्रकार सर्वविच्छेद की जो मान्यता रखते हैं उन्हें सर्वोत्कल कहते हैं।
314 इसिभासियाई सुत्ताई