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________________ अपभ्रंश कथा-साहित्य ३५९ प्रो० हीरालाल जैन ने निम्नलिखित दस कथा ग्रन्थों का निर्देश किया हैं :'. १. सुअन्ध दसमी कहा २. रोहिणि विधान कथा ३. मुक्तावलि विधान कथा ४. अनन्त व्रत कथानक ५. निर्दोष सप्तमी कथानक ६. पाश पइ कहा ७. जिन पुरन्दर कथा ८. उद्धरण कथा ९. जिन रात्रि विधान कथानक १०. सोलह कारण जयमाल ये दस अपभ्रंश ग्रन्थ उत्तर प्रदेश के जसवन्तनगर में एक जैन मन्दिर में सुरक्षित ३७ संस्कृत प्राकृत हस्तलिखित ग्रन्थों के साथ मिले । इन में से प्रथम दो, दो दो सन्धियों के हैं शेष सब इन से भी छोटे हैं। रोहिणि विधान कया के रचयिता देवनन्दि मुनि हैं। अन्यों के विषय में कुछ ज्ञात नहीं। सअन्ध दसमी कहा का एक उद्धरण देखिये-- "जिण चउवीस णवेप्पिणु, हियइ धरेप्पिणु, देवत्तहं चउवीसहं । पुणु फलु आहासमि, धम्मु पयासमि, वर सुअन्ध दसमिहिं जहं । पुच्छिउ सेणिएण तित्थंकरु, कहहि सुअंध दसमि फलु मणहरु। भणई जिणिदु णिसुणि अहो सेणिय, भव्वरयण गुणरयणि णिसेणिय ॥ रोहिणि विधान कथा का एक उद्धरण देखिये-- "जिणवर वंदेविण, भाउ घरेविणु दिव्व वाणि गुरु भत्तिए। रोहिणि उववासहो, दुरिय विणासहो, फलु अक्खमि णिय सत्तिए॥ श्री अगर चन्द नाहटा ने निम्नलिखित दिगंबर जैन व्रत कथाओं का निर्देश किया गुणभद्र लिखित पुष्पांजलि, आकाश पंचमी, चन्दन षष्ठि और दुधारसी। ___ पं. परमानंद जैन ने निम्नलिखित कथा ग्रन्थों का भी उल्लेख किया है 3 - १. पुरंदर विहाण कहाः रचयिता भट्टारक अमरकीर्ति, वि० सं० १८४७. २. णिज्झर पंचमी विहाण कहाणक : रचयिता विनय चन्द्र । विनय चन्द्र ने चूनड़ी और कल्याणक रासु नामक दो अन्य ग्रन्थ भी लिखे। ३. निदुह सत्तभी कहा : रचयिता विनय चन्द्र के गुरु मुनि बालचन्द्र ४. जिनरत्ति कहा: । दोनों के कर्ता यशःकीर्ति हैं। यह यशःकीर्ति वही हैं जिन्होंने ५. रविवउ कहा : ) हरिवंश पुराण और पाण्डव पुराण की भी रचना की थी। १. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जर्नल, भाग, १, पृ० १८१ । २. जैन सिद्धान्त भास्कर, भाग ११, किरण १ । ३. अपभ्रंश भाषा का जैन कथा साहित्य, अनेकान्त वर्ष ८, किरण ६-७ । ४. चूनड़ी के लिए देखिये, नवां अध्याय, अपभ्रंश मुक्तक काव्य (१) ५. अनेकान्त वर्ष ८, किरण ६-७ पृष्ठ २७६-२७७ ।
SR No.006235
Book TitleApbhramsa Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarivansh Kochad
PublisherBhartiya Sahitya Mandir
Publication Year
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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