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________________ ४० भवदनुग्रह-लेश-तरंगिता, तदुचितं प्रवदंति विपश्चितः । नृपसभासु यतः कमलाबला, कुचकला ललनानि वितन्वते ।।६।। १. ॐ ऐं नमः १२ वणत सामुहि ५.२. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लू ऐं नमः... ३. ॐ जौं जौं शुद्ध बुद्धि प्रदेहि श्रुतदेवी-मर्हत तुभ्यं नमः ॐ हीं श्रीं श्री जिनशासन शोभनायै श्री तीर्थंकर मुखांभोज वासिनी द्वादशांगी अधिष्ठायित्री श्री सरस्वती महादेव्यै जलं चंदनं... मष्टप्रारी पूल 5२वी. दशम पूजा नमोऽर्हत्०.. (2007 - सरसशांति सुधारस) गतधना अपि हि त्वदनुग्रहात्, कलित-कोमल-वाक्य-सुधोर्मय : । चकित-लाल-कुरंग-विलोचना, जनमनांसि हरन्तितरां नराः ॥७।। कर-सरोरुह-खेलन-चंचला, तव विभाति वरा जयमालिका | श्रुत-पयोनिधि-मध्य-विकस्वरो, -ज्वलतरंग-कलाग्रह-साग्रहा... || ८ || द्विरद-केसरी-मारि-भुजंगमा, सहन-तस्कर-राज-रूजां भयम् । तव गुणावलि-गान-तरंगिणां, न भवति भविनां श्रुतदेवते... ।। ९ ।।
SR No.006227
Book TitlePoojan Vidhi Samput 12 Parshwa Padmavati Mahadevi Shreelakshmi Shrutdevi Sarasvati Mahapoojan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaheshbhai F Sheth
PublisherSiddhachakra Prakashan
Publication Year2009
Total Pages68
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size10 MB
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