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आगम
(४२)
प्रत
सूत्रांक
[-]
गाथा
II-II
दीप
अनुक्रम
[-]
श्रीदशकालिक
चूण
२ चूला
॥३८० ॥
“दशवैकालिक”- मूलसूत्र - ३ (निर्युक्तिः + | भाष्य | +चूर्णि:)
गाथा ||२||
उपसंहारः
ROSA
दसवेया लियचुण्णी संभा
जिल
मुनिश्री दीपरत्नसागरेण पुन: संपादिता (आगमसूत्र ४२ ) “दशवैकालिक-चूर्णिः” परिसमाप्ताः
[385]
॥३८०५